यात्रा को सुगम बनाने और बेहतर रेल सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में रेलवे लगातार काम कर रहा है। तो वहीं मिथिलांचलक के लोगों का सपना 88 साल बाद साकार होने का समय आ गया है। मिथिलावासी करीब नौ दशक से इस घड़ी का इंतजार कर रहे हैं। रेल मंत्री मंत्री अश्विनी वैष्णव दोपहर दो बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नई रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर बिहार सरकार के कई मंत्री, सांसद व विधायक भाग लेंगे।
जानकारी के मुताबिक, रेलवे के नक्शे पर मौजूद झंझारपुर (मधुबनी) से निर्मली (सुपौल) के बीच अब सीधी ट्रेन सेवा शुरू हो जाएगी। इस पुल के शुरू होने से झंझारपुर से सहरसा की दूरी तकरीबन 100 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। कोसी नदी पर पुल न होने की वजह से एक से दूसरी तरफ जाने के लिए मौजूदा समय में लोगों को काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। ऐसे में रेलवे पुल से ट्रेनों का परिचालन शुरू होने से अब लोग सीधी यात्रा कर सकेंगे।
रेलवे बोर्ड ने खंडित मिथिला को जोड़नेवाले झंझारपुर-निर्मली-आसनपुर-कुपहा नयी रेल लाइन पर ट्रेन चलाने की हरी झंडी दे दी है। इस ट्रेन का परिचालन ओपन टाइम के अनुसार किया जायेगा। बता दें कि यह परियोजना 206 किलोमीटर लंबे सकरी-लौकहा बाजार-निर्मली एवं सहरसा-फॉरबिसगंज आमान परिवर्तन परियोजना का भाग है।
इस परियोजना की कुल स्वीकृत लागत 1584 करोड़ रूपए है। इसके साथ ही 491 करोड़ रूपए की लागत से कोसी मेगाब्रिज का निर्माण किया गया है जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा 18 सितंबर, 2020 को देश को समर्पित किया गया था। अब मोदी सरकार में ही इस रेल लाइन पर उद्घाटन के बाद रविवार से दरभंगा जिले के लहेरियासराय स्टेशन से झंझारपुर होते हुए सहरसा तक रेल सेवा पूरी तरह से बहाल हो जाएगी।