अनिश्चितकालीन हड़ताल के आह्वान से पहले रेलवे, विभिन्न विभागों और केंद्र के अधीन सार्वजनिक उपक्रमों के विभाग में हड़ताल के लिए मतदान हुआ। यूनियनों का दावा है कि उन्हें कर्मचारियों का 100 फीसदी समर्थन मिला है। इसके लिए रेलवे एम्पलॉइज और वर्कर्स के विभिन्न संगठन जॉइंट फोरम फोर रिस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए एक साथ आए हैं। फोरम ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो वे 1 मई से देश भर में रेलवे का परिचालन ठप कर देंगे। ज्वाइंट फोरम फॉर रिस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है। इसके तहत 19 मार्च को संबंधित प्रशासनों को हड़ताल को लेकर नोटिस दिया जाएगा।
पुरानी पेंशन को फिर से बहाल करने की मांग को लेकर बने रेलवे यूनियंस के जॉइंट फोरम ने इस संबंध जारी बयान में सरकार पर आरोप लगाया गया है कि वह नई पेंशन योजना की जगह पर पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने की रेलवे कर्मचारियों की मांग पर ध्यान नहीं दे रही है। ऐसे में फोरम के पास हड़ताल के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है। JFROPS के संयोजक और ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (AIRF) के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि इस मुद्दे पर केंद्र के साथ चर्चा विफल होने के बाद हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि हमने ओल्ड पेशन स्कीम (OPS) की बहाली की मांग को लेकर कई विरोध प्रदर्शन किया है। यहां तक प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पत्र लिखकर ओपीएस बहाल करने का आग्रह किया। सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया और अब हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हैं।