कल्कि पीठ के प्रमुख और प्रियंका गांधी के पूर्व सलाहकार आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है। सोमवार को मीडिया से बात करते हुए पूर्व कांग्रेसी नेता राम मंदिर और कांग्रेस को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि अगर आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होती है और देश में इंडी गठबंधन की सरकार बनी तो वो राम मंदिर का फैसला पलट सकते हैं। राहुल गांधी इसको लेकर योजना बना चुके हैं और अपने नेताओं के साथ बैठक कर चुके हैं।
राम मंदिर पर फैसला आते ही राहुल गांधी ने बनाई थी योजना आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दावा किया कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बादराहुल गांधी ने अपने करीबी सहयोगियों के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद वे एक महाशक्ति आयोग बनाएंगे और राम मंदिर के फैसले को वैसे ही पलट देंगे जैसे राजीव गांधी ने शाह बानो के फैसले को पलट दिया था। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दावा करते हुए कहा कि मैंने कांग्रेस में 32 साल से अधिक समय बिताया है इसलिए मैं उनके बारे में अच्छे से जानता हूं।
क्या था शाह बानो केस? बता दें कि अप्रैल 1978 में 62 वर्षीय मुस्लिम महिला शाह बानो ने पति से तीन तलाक मिलने के बाद अदालत में गुजारा भत्ता पाने के लिए एक याचिका डाली थी। इस पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने शाह बानो के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा। इसके बाद तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने मई 1986 को मुस्लिम महिला (विवाह विच्छेद पर अधिकार संरक्षण) अधिनियम पारित किया। संसद में अधिनियम पास होने के बाद शीर्ष अदालत के फैसले को रद्द कर दिया गया।
कांग्रेस के नेता राम विरोधी
राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस के नेता राम विरोधी हैं और तभी वो राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में नहीं गए थे। बता दें कि आचार्य प्रमोद पहले भी कांग्रेस को राम मंदिर के मुद्दे पर घेरते रहे हैं। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर आचार्य ने कांग्रेस के बड़े नेताओं पर निशाना साधा था। इसी कारण उन्हें पार्टी ने निष्कासित कर दिया था।
चुनाव के बाद दो धड़ों में बंटेगी कांग्रेस आचार्य ने हाल ही में कहा था कि प्रियंका के खिलाफ कांग्रेस में राजनीतिक साजिश हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रियंका को पार्टी अध्यक्ष बनने से रोका गया और फिर न राज्यसभा भेजा गया और न ही उन्हें कोई बड़ा पद दिया गया। ये साजिश कई सालों से चल रही है। उन्होंने कहा कि चार जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस दो धड़ों में बंट जाएगी, क्योंकि कार्यकर्ताओं और कई नेताओं में गुस्सा भरा हुआ है।