कन्हैया कुमार ने तेलंगाना में प्रेस कांफ्रेस करते हुए कहा कि “मैं हिंदी में बोलूंगा इसके लिए मांफी चाहता हूं क्योंकि आपकी भाषा तेलगू मुझे नहीं आता है। अगर आती तो जरूर तेलगू में बात करता क्योंकि हमारी नजर में सभी भाषाए एक समान हैं। सभी लोगों की मातृभाषा का सम्मान करते हैं।”
इसके बाद कन्हैया कुमार ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक सवाल लोग बार-बार पूछ रहे हैं कि क्या जोड़ने के लिए निकले हैं? जिसका जवाब देते हुए कन्हैया कुमार ने सवाल किया कि “आपको खुद से सवाल करना होगा कि अपनी कोई चीज है जो आपसे टूटी हुई है? जब ये सवाल आप खुद से पूछेंगे तो आपको जवाब मिलना शुरू हो जाएगा कि भारत जोड़ो यात्रा में हम क्या जोड़ने निकले हैं।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “जब आपको यह खबर आती है या वीडियो देखते हैं कि किसी इंसान को तिलक देखकर या टोपी देखकर उसके साथ मारपीट की जा रही है, उसकी टांगे तोड़ दी गई हैं। तब आपका दिल टूटता है, उस टूटे हुए दिल को जोड़ने के लिए निकले हैं।”
कन्हैया कुमार ने कहा कि “हमारा देश भारत भौगोलिक तौर पर जुड़ा हुआ है। हम चाहते हैं कि वह भावनात्मक रूप से भी जुड़ा रहे। उन्होंने कहा कि भारत में आज गरीब लगातार गरीब हो रहा है और गरीबों की संपत्ति लूट के दौ-चार लोगों को मजबूत बनाया जा रहा है। यह जो अमीरी-गरीबी की खाई है उस खाई को हम पाटना चाहते हैं।” इसके साथ ही कन्हैया कुमार ने कहा कि “आज सिर्फ कांग्रेस ही सड़कों पर उतरकर एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा रही है। कांग्रेस पार्टी पहले भी लड़ रही थी, लेकिन लोगों तक मैसेज नहीं पहुंच रहा था। इसलिए पार्टी ने तय किया कि हम लोगों तक पहुंचेंगे।”
कन्हैया ने कहा कि यह लड़ाई गोडसे और गांधी की विचारात्मक लड़ाई है और इस देश ने हमेशा ही गांधी को चुना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग भारत जोड़ो यात्रा पर बात नहीं करते हैं, जूता, टीसर्ट और कंटेनर पर बात कर रहे हैं।