सियासी विश्लेषकों की माने तो आज के राजनीतिक परिदृश्य में यह एक उपलब्धि है और इसके लिए राहुल गांधी को श्रेय दिया जाना चाहिए। यह फैसला राहुल गांधी को पांच प्रमुख मामलों में सही साबित करता है। पहला, दो महत्वाकांक्षी यात्राएँ करने का उनका निर्णय था। यदि भारत जोड़ो यात्रा उन्हें 2022-2023 में कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल ले गई, तो भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने उन्हें इस साल की शुरुआत में एक वैन में मणिपुर से मुंबई तक की यात्रा कराई।
तोड़ी “पप्पू” की छवि
दोनों ही मार्च बिना किसी माध्यम के सीधे जनता तक पहुंचने के प्रभावशाली प्रयास था और मानवीय सहनशक्ति और राजनीतिक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते थे। उन्होंने गांधी को आम लोगों की बात सुनने का अवसर दिया, लेकिन लोगों को गांधी को देखने, उन्हें सुनने और रैलियों के ढांचे के बाहर अपने स्थानीय परिवेश में उनका आकलन करने का अवसर भी दिया। जबकि इस तरह की पहल से राजनीतिक लाभ को सटीक मूर्त रूप में मापना हमेशा कठिन होता है, लेकिन इसने गांधी की गहराई और बुद्धिमत्ता की कमी या राजनीति को आगे बढ़ाने की प्रवृत्ति की छवि को निर्णायक रूप से समाप्त कर दिया। “पप्पू” का व्यंग्य छवि को भी राहुल गांधी ने तोड़ा है।
सही साबित हुआ ये फैसला
गांधी का दूसरा फैसला समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन बनाने और इंडिया ब्लॉक बनाने में गंभीरता से शामिल होना था। इसके कारण कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों के साथ समझौता करना पड़ा और स्थानीय भौगोलिक क्षेत्रों में अपने स्वयं के तात्कालिक राजनीतिक हितों का त्याग करते हुए सीटों के बंटवारे में शामिल होना पड़ा – इसका नतीजा यह हुआ कि पार्टी ने लोकसभा चुनावों में अपने इतिहास में सबसे कम सीटों पर चुनाव लड़ा। इसके लिए कांग्रेस को AAP जैसी पार्टियों से समझौता करना पड़ा, जिन्हें गांधी परिवार UPA-2 सरकार की विश्वसनीयता में कमी और नरेंद्र मोदी के उदय के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार मानता था। इसके लिए कांग्रेस को क्षेत्रीय नेताओं को प्रमुख भूमिका निभाने की अनुमति देनी पड़ी, चाहे वह बिहार में तेजस्वी यादव हों या यूपी में अखिलेश यादव, महाराष्ट्र में शरद पवार और उद्धव ठाकरे या तमिलनाडु में स्टालिन। राहुल ने फैसला किया कि व्यापक हित में ऐसा करना उचित है।
परिपक्वता से दिया जवाब
चुनाव नतीजों के बाद जब राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस की तो उन्होंने बड़ी ही परिपक्वता से सारे सवालों का जवाब दिया। जब राहुल से सरकार बनाने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हम एक बैठक करने जा रहे हैं। ये सवाल वहां उठाए जाएंगे। हम अपने गठबंधन सहयोगियों का सम्मान करते हैं। हम गठबंधन सहयोगियों से बात किए बिना कुछ नहीं बोलेंगे वहीं अमेठी से केएल शर्मा के चुनाव जीत ने पर कहा कि “केएल शर्मा का अमेठी के लोगों से सीधा संबंध है और वे हमेशा जीतते रहे हैं।” “यह कहना कि वे किसी के पी.ए. या स्टेनो हैं, गलत और आपत्तिजनक है। किशोरी लाल शर्मा पिछले 40 सालों से अमेठी में कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और उनका अमेठी के लोगों से सीधा संबंध है। शायद भाजपा के लोग इसे नहीं समझ पाए।