14 अगस्त एक ऐसी तारीख है जिस दिन भारत में ऐसी कई घटनाएं हुई जिसने भारत मां के सीने को छलनी कर दिया। इस दिन के दर्द कभी नहीं भुलाया जा सकता। वहीं, इस दिन की याद में पीएम मोदी ने पिछले साल यानी 2021 में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने का भी ऐलान किया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि बंटवारे में विस्थापित होने वाले और जान गंवाने वाले हमारे लाखों बहनों और भाइयों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया है।
14 अगस्त को भारत और पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गए थे। कहने को तो यह एक देश का बंटवारा था, लेकिन यह दिलों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था। 15 अगस्त की सुबह भी ट्रेनों से, घोड़े-खच्चर और पैदल ये लोग अपनी मातृभूमि से दूसरे देश जा रहे थे। पाकिस्तान से हिंदुस्तान और हिंदुस्तान से पाकिस्तान आने वालों के चेहरों से मानो सारे रंग गायब थे। बताया जाता है कि बंटवारे के दौरान दोनों तरफ भड़के दंगे और हिंसा में लाखों लोगों की जान चली गई। इस बंटवारे ने किसी को भी नहीं बख्शा। महिलाएं, बच्चे, बूढ़े सब इस हिंसा की भेंट चढ़ गए।
14 अगस्त को भारत के दो टुकड़े करने के बाद भारत को अंग्रेजों द्वारा आजाद घोषित कर दिया था। पाकिस्तान को 1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन द्वारा भारत के विभाजन के बाद एक मुस्लिम देश के रूप में तराशा गया था और नए मुल्क पाकिस्तान का जन्म हुआ था। वहीं, बंटवारे के समय यह बात हुई थी कि देश के नागरिक जो पाकिस्तान के साथ रहना चाहते हैं, वो रह सकते हैं और जो भारत के साथ रहना चाहते हैं वो भी रह सकते हैं। हालांकि, पाकिस्तान ने उस दौरान तो इस समझौते को स्वीकार कर लिया था। लेकिन इसके अगले ही दिन पाकिस्तान का क्रूर चेहरा सामने आया। वहां से आने वाली ट्रेनों पर जब हिंदुओं-सिखों की लाशें आने लगी, तो भारतवासी सन्न रह गए और भारतीय राजनेता अचंभित। जिसके बाद दोनों देशों के बीच दंगा शुरु हो गया था।