संसद में हंगामे की क्या है मुख्य वजह
दरअसल मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के मामले में विपक्षी दल सदन में चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग कर रहा है। सरकार चर्चा के लिए तो तैयार है, लेकिन जवाब पीएम मोदी के बदले गृह मंत्री अमित शाह से दिलाना चाहता है। लेकिन विपक्षी दल पीएम से जवाब चाहते हैं।
इस कारण विपक्षी सांसदों ने कई बार धारा 267 के तहत चर्चा की मांग का नोटिस दिया था। लेकिन जब सरकार अड़ी रही तो विपक्ष ने अपना आखिरी ब्रह्मास्त्र चलाते हुए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया। जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला मंजूर कर चुके हैं। अब अगले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा संभव है। जिसमें पीएम मोदी विपक्ष के सवालों का जवाब देंगे।
लोकसभा में विधायी कार्य नहीं होने देने की मांग
राघव चड्ढा ने आगे कहा कि मैं अध्यक्ष से अपील करता हूं कि अब लोकसभा में कोई विधायी कार्य नहीं होना चाहिए… I.N.D.I.A ब्लॉक का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के लोगों को समर्थन प्रदान करने और उनके साथ एकजुटता दिखाने की आशा के साथ मणिपुर का दौरा करेगा। मणिपुर वायरल वीडियो मामले को 85 दिनों के बाद सीबीआई को सौंपने के लिए अब बहुत देर हो चुकी है।
सरकार नहीं चाहती कि उनके सवाल पूछेंः अधीर
लोकसभा में कांग्रेस के नेता और बंगाल से सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि नियम 198 के तहत हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव है…इस नियम के अनुसार चर्चा (मणिपुर के संबंध में) तुरंत होनी चाहिए। सरकार नहीं चाहती कि सदन के अध्यक्ष उनसे सवाल पूछें…वे मुद्दों से बचने के लिए बहाने दे रहे हैं।
पीएम मोदी करें मणिपुर का दौराः कांग्रेस नेता
इधर कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने कहा कि हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री मणिपुर का दौरा करें… जो वह नहीं कर रहे हैं… I.N.D.I.A ब्लॉक ने हमारी बैठक में निर्णय लिया है कि मणिपुर के लिए एक सांसद प्रतिनिधिमंडल होगा। कल सांसदों का प्रतिनिधिमंडल रवाना होगा। आज शाम को उन नेताओं के नाम जारी किए जाएंगे…इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद वहां (मणिपुर) के लोगों का दर्द समझना है।
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