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New District: फिर मिल सकते हैं नए जिले, मुख्यमंत्री के इशारे के बाद इन नामों की चर्चा

New District Demand: राजस्थान के बाद देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य बिहार में नए जिलों की मांग तेज होती जा रही है। विधानसभा चुनाव से पहले यह मांग सीएम नीतीश पूरी कर सकते हैं।

नई दिल्लीJul 08, 2024 / 09:30 am

Anish Shekhar

Demand of New District: देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में जिलों की संख्या 33 से बढ़ कर 50 हो गई है। अब सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में से एक बिहार में नए जिलों की मांग तेज होती जा रही है। बिहार में 20 अगस्त 2001 को आखिरी नया जिला राबड़ी देवी के कार्यकाल में अरवल को बनाया गया था. अब नीतीश कुमार के बगहा को नया राजस्व जिला बनान का आश्वासन देकर सालों से चली आ रही नए जिलों की मांग को तेज कर दिया है।

बिहार में ये बन सरक

बिहार पूर्वी भारत का एक राज्य है जो हाल के वर्षों में तेजी से विकास कर रहा है। बिहार में फिलहाल 38 जिले है। हालांकि सीएम नीतीश के रुख को देखते हुए लग रहा है कि बिहार में जिलों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। बिहार के बगहा के अलावा पटना से अलग बाढ़ को और मधुबनी से अलग कर झंझारपुर को नया जिला बनाने की मांग काफी पुरानी है. साथ ही पूर्वी और पश्चिमी चंपारण का भी नए सिरे से सीमांकन करके नया जिला बनाने की मांग की जा रही है. इसी तरह मधुबनी, भागलपुर और रोहतास में भी एक एक नए जिले की मांग की जा रही है.
पटना से अलग बाढ़
मधुबनी से अलग कर झंझारपुर
पूर्वी और पश्चिमी चंपारण
मधुबनी, भागलपुर और रोहतास में भी एक एक नए जिले की मांग

नए जिले बनाने के फायदे

प्रशासनिक सुविधा: नए जिले अधिक कुशल प्रशासन की ओर ले जा सकते हैं, क्योंकि संसाधनों और कर्मियों को अधिक प्रभावी ढंग से आवंटित किया जा सकता है।
बेहतर शासन: छोटे जिले बेहतर शासन की सुविधा प्रदान कर सकते हैं, क्योंकि अधिकारी विशिष्ट क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और स्थानीय मुद्दों को अधिक प्रभावी ढंग से संबोधित कर सकते हैं।
बेहतर विकास: नए जिले अधिक धन और निवेश आकर्षित कर सकते हैं, जिससे बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हो सकता है।

बढ़ा हुआ प्रतिनिधित्व: नए जिले राज्य विधानसभा और संसद में अधिक प्रतिनिधित्व की ओर ले जा सकते हैं, जिससे स्थानीय आबादी को एक मजबूत आवाज मिल सकती है।
बेहतर संसाधन आवंटन: नए जिले संसाधनों के अधिक सटीक आवंटन को सुनिश्चित कर सकते हैं, क्योंकि स्थानीय जरूरतों और प्राथमिकताओं का बेहतर मूल्यांकन किया जा सकता है।

बेहतर कानून और व्यवस्था: नए जिले अधिक प्रभावी कानून प्रवर्तन की ओर ले जा सकते हैं, क्योंकि पुलिस संसाधनों को अधिक कुशलता से तैनात किया जा सकता है।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: नए जिले स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकते हैं, क्योंकि जिले की जरूरतों को पूरा करने के लिए नए व्यवसाय और उद्योग उभर सकते हैं।

बढ़ी हुई सार्वजनिक सेवाएं: नए जिले सार्वजनिक सेवाओं, जैसे स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और स्वच्छता की बेहतर डिलीवरी की ओर ले जा सकते हैं।
अधिक जवाबदेही: नए जिले अधिक जवाबदेही को बढ़ावा दे सकते हैं, क्योंकि अधिकारियों को स्थानीय विकास और शासन के लिए अधिक जवाबदेह ठहराया जा सकता है।

स्थानीय समुदायों का सशक्तिकरण: नए जिले स्थानीय समुदायों को सशक्त बना सकते हैं, क्योंकि उनका अपने विकास और शासन पर अधिक नियंत्रण हो सकता है।

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