VVIP इलाके की सीट
राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गहलोत, गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली भाजपा के रमेश बिधूड़ी कालकाजी से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। नई दिल्ली विधानसभा सीट राजधानी के केंद्र में स्थित है। इसमें कई VVIP इलाके आते हैं। कनॉट प्लेस से लेकर लुटियन्स दिल्ली मोस्टली सरकारी ऑफिस इसी इलाके में हैं। ज्यादातर ऑफिसर्स के बंगले से लेकर अमीर उद्योगपतियों के महल भी इस एरिया में आते हैं। नई दिल्ली विधानसभा सीट पर ज्यादातर मतदाता शिक्षित और आर्थिक रूप के संपन्न हैं।पिछले दो चुनाव के रिजल्ट से समझिए पूरा समीकरण
नई दिल्ली सीट का यह इतिहास
नई दिल्ली विधानसभा सीट ने पिछले 6 विधानसभा चुनाव में दिल्ली को CM दिया है। तीन बार कांग्रेस से शीला दीक्षित इस सीट सेमुख्यमंत्री रही हैं। नई दिल्ली विधानसभा सीट उनकी विरासत बन गई थी, लेकिन बाद में केजरीवाल ने इस सीट पर जीत दर्ज की गई। केजरीवाल यहां से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। इस बार विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होगा। ने पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित के पास अपनी पुरानी विरासत को फिर से हासिल करने की चुनौती भी है। वहीं प्रवेश वर्मा को नई दिल्ली में भाजपा संगठन को मजबूत करने के लिए कहा गया है। प्रवेश वर्मा भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं।नई दिल्ली विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर ब्राम्हण समुदाय के वोटरों की संख्या ज्यादा है। ब्राम्हणों को BJP का समर्थक माना जाता रहा है, लेकिन कुछ साल कांग्रेस और फिर AAP ने इस वर्ग में अपनी अच्छी पैठ बनाई है। इसके साथ ही पंजाबी और खत्री समुदाय भी इस सीट पर मेन भूमिका निभाते हैं इसके साथ ही दलित वोटरों की संख्या भी काफी अच्छी है। संदीप दीक्षित की मां शीला दीक्षित यहां से तीन बार विधायक रह चुकी हैं। दीक्षित परिवार का इस सीट के वोटर्स से खास कनेक्शन है इसके अलावा प्रवेश वर्मा को BJP के परंपरागत वोटर्स का लाभ मिल सकता है। ऐसे में अगर वोट बंटता है, तो अरविंद केजरीवाल के लिए मुश्किलें हो सकती हैं।