कंधार विमान हाईजैक के दौरान रिहा किया गया था जरगर
दरसअसल मुश्ताक अहमद जरगर उन आतंकवादियों में से एक था, जिन्हें 1999 में कंधार में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट हाईजैक मामले में यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए भारत सरकार को रिहा करना पड़ा था।
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कौन है मुश्ताक अहमद जरगर?
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, मुश्ताक अहमद जरगर जम्मू कश्मीर के श्रीनगर इलाके का रहने वाला था। 1985 के दौरान वह आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया और घाटी में भारत के खिलाफ आतंकवादी काम करने लगा।
मो. सईद की बेटी का किया था अपहरण
जरगर ने अपने समूह के साथ मिलकर 12 दिसंबर 1989 को भारत के नवनियुक्त गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद का अपहरण भी किया था। खास बात यह है कि रुबिया के बदले आतंकवादियों ने पुलिस गिरफ्त में मौजूद अपने पांच साथियों की रिहाई की मांग की थी। सरकार को इन आतंकियों को रिहा करना पड़ा तब ही रुबिया सईद की रिहाई हो सकी।
1991 में जरगर ने खुद का आतंकी संगठन बनाया
जरगर ने 1991 में अपना खुद का आतंकवादी संगठन बनाया, जिसका नाम उसने अलवर मुजाहिदीन रखा। इसके बाद जरगर ने जम्मू कश्मीर में ताबड़तोड़ हत्याओं को अंजाम दिया। 15 मई 1992 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया. तब तक उस पर 3 दर्जन से ज्यादा हत्याओं तथा अन्य संगीन अपराधों के मुकदमे दर्ज हो चुके थे।
1999 में भारत सरकार ने कंधार विमान हाईजैक में लोगों की जान के बदले अन्य आतंकियों के साथ जरगर को भी रिहा किया। इसके बाद वो पाकिस्तान चला गया और भारत के खिलाफ आतंकी साजिशें रचता रहा।
बता दें कि, कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुंबई 26/11 बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के बेटे तल्हा हाफिज सईद को नामित आतंकवादी घोषित किया था।
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