चार हजार हेक्टेयर में अस्थायी शहर
संगम की रेत पर करीब चार हजार हेक्टेयर में विकसित किए गए अस्थायी शहर को स्वच्छ रखने में 10 हजार से अधिक सफाई योद्धा मेहतन कर रहे हैं। इनकी हौसलाफजाई के लिए इन्हें सफाई नायक का नाम दिया गया है। मेला में तैनात सफाईकर्मी न सिर्फ सड़कों पर झाड़ू लगा रहे हैं, बल्कि कचरा पात्र की भी नियमित रूप से सफाई कर रहे हैं। घाटों पर भी नियमित रूप से सफाई हो रही है। शौचालयों की सफाई में कोई कमी न रहे, इसके लिए 2500 से अधिक गंगा सेवादूत मोबाइल के साथ तैनात किए गए हैं, जो जेट स्प्रे से शौचालय को तत्काल साफ हो रहे हैं।सफाई प्रबंधन में ये खास
—1.5 लाख अस्थायी शौचालय रखे गए हैं मेला क्षेत्र में, महिलाओं के लिए हैं पिंक शौचालय—25000 कचरा पात्र
—200 किमी से लंबी ड्रेनेज लाइन डाली
—02 नए फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी), 03 अस्थायी और 10 स्थायी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी )
—40 कॉम्पेक्टर और कचरा उठाने के लिए 120 हूपर
—अस्थायी तौर पर बनाईं गईं सड़कों पर धूल न उड़े, इसके लिए पानी के का छिड़काव की व्यवस्था
—प्लास्टिक को रिसाइकल कर संगम तट के किनारे बनाए सैकड़ों चेंजिंग रूम
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लोहे की प्लेट से बनाईं सड़कें
मेला परिसर में आने जाने में किसी को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए लोहे की प्लेट से 650 किलोमीटर सड़कें बनाई गईं हैं। हमारे सफाईकर्मी तीन पारियों में मेला परिसर की सफाई कर रहे हैं। निगरानी के लिए जोनल प्लान बनाए गए हैं। मेला परिसर में रोज 500 टन कचरा निकल रहा है। इसका नियमित रूप से निस्तारण किया जा रहा है।—गणेश केसरवानी, महापौर, प्रयागराज नगर निगम