मद्रास हाईकोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरक्षण की व्यवस्था को अंतहीन समय के लिए बढ़ाए जाने से हो रहा है। यह कुछ वक्त के लिए ही था, जिससे गणतंत्र में असमानता को दूर किया जा सके। यह सही है कि किसी देश की आयु को इंसान की उम्र से नहीं जोड़ा जा सकता, लेकिन 70 साल के समय में कम से परिपक्वता तो आ ही जानी चाहिए।
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ऑल इंडिया कोटा केटेगरी में मेडिकल सीटों में आरक्षण के मामले की सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने यह बात कही। हाईकोर्ट ने कहा कि इस दस प्रतिशत आरक्षण की वजह से कोर्ट की 50 प्रतिशत सीमा खत्म हो जाएगी और यह सही नहीं है। हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई करते हुए कहा कि आरक्षण का पूरा कांसेप्ट ही गलत है। इसमें लगातार संशोधन हो रहा है और बढ़ोतरी देखी जा रही है।
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हाईकोर्ट ने कहा कि संशोधन और बढ़ोतरी की वजह से लगातार जाति व्यवस्था भी मजबूत हो रही है। यही नहीं, यह उन जगहों पर भी मजबूत हो रही है, जहां उसकी मौजूदगी कम थी। हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि नागरिकों को सशक्त करने की जगह जातिवाद में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसी स्थितियां नहीं पैदा हो रही है कि मेरिट से किसी भी चीज का निर्धारण हो सके।