मुख्य न्यायाधीश ने आरजी कर मामले में पांच जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए अस्पताल प्रशासन की ओर से मामले को संभालने के तरीके पर गंभीर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने कहा कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से कई खामियां रही हैं। अस्पताल प्रशासन को ही मामला दर्ज कराना चाहिए था। केस डायरी देखने के बाद पीठ ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए। मृतक के परिवार के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोलकाता पुलिस को रविवार तक समय क्यों दिया जाए? मामले को क्यों नहीं सीबीआइ को सौंपा जाए। मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी। पीठ ने निर्देश दिया कि सीबीआइ अगली सुनवाई में जांच की प्रगति पर रिपोर्ट पेश करे।
क्या शव सडक़ किनारे से बरामद हुआ था…?
कोर्ट ने महिला डॉक्टर की हत्या पर अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर शुरू की गई जांच पर भी सवाल उठाए। सरकारी वकील ने कहा कि इस तरह के महत्त्वपूर्ण मामले में अप्राकृतिक मौत का मामला ही दर्ज किया जाता है। पहले किसी ने शिकायत नहीं की थी, इसलिए इसे अप्राकृतिक मौत कहा गया। इस पर पीठ ने टिप्पणी की, ‘इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती। क्या शव सडक़ के किनारे से बरामद हुआ था? अब बहुत हो गया है। यह तर्क मत करें।’
चार जूनियर डॉक्टरों से पूछताछ
मेडिकल कॉलेज के चार जूनियर डॉक्टरों को मंगलवार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया। पुलिस के अनुसार मृतका के साथ रात का खाना खाने वाले डॉक्टरों को आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया। पुलिस ने विभागाध्यक्ष, सहायक अधीक्षक, पुरुष-महिला नर्सों, ग्रुप-डी के कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों को भी पूछताछ की।
मुख्य सचिव और डीजीपी से मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने मंगलवार को घटनास्थल का दौरा किया। आयोग ने अधिकारियों से मामले की रिपोर्ट मांगी है।
हड़ताल से ओपीडी सेवाओं पर असर
घटना के विरोध में देशभर के सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इससे ओपीडी सेवाएं और गैर-आपातकालीन सर्जरी प्रभावित हुई। हड़ताल फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर शुरू हुई थी। एसोसिएशन ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता और हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हड़ताल खत्म नहीं होगी।
भाजपा ने घटना को बताया ‘निर्भया-2’
भाजपा ने घटना को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर जमकर निशाना साधा। पार्टी ने घटना की तुलना दिल्ली के निर्भया कांड से करते हुए इसे निर्भया-2 बताया। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जिस तरह अपराधियों को संरक्षण दिया गया, वह और भी दुखद है। जिस तरह (आरजी कर के) प्रिंसिपल प्रोफेसर संदीप घोष को 24 घंटे के भीतर किसी अन्य कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त किया गया, वह बंगाल सरकार के संरक्षण को दर्शाता है।