गृह मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर तिरंगा फहराने व इसके इस्तेमाल को लेकर की जानकारी दी गई है। राष्ट्रीय ध्वज फहराने संबंधी भारतीय झंडा संहिता 2002 बनाई गई है। इसमें झंडारोहण को लेकर कई नियम बनाए गए हैं और बताया गया है कि किस तरह से राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इस झंडा संहिता में कुछ लोगों को कार (मोटर-कारों) में झंडे फहराने के विशेष अधिकार दिए गए हैं। आम आदमी झंडे का इस्तेमाल कार के आगे लगाने के लिए नहीं कर सकता है।
कुछ स्पेशल लोगों की गाड़ियों को छोड़कर किसी भी गाड़ी में झंडा नहीं लगाया जा सकता है। सिर्फ राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, उपराज्यपाल, राज्यमंत्री. लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा के उप सभापति, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश, हाईकोर्ट के जज की गाड़ियों पर लगाया जा सकता है।
जब कोई विदेशी मेहमान सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई कार में यात्रा करता है तो राष्ट्रीय ध्वज कार के दाईं और लगाना होगा और संबंधित दूसरे देश के व्यक्ति का झंडा कार के बाईं तरफ लगाना होता है।
नियमों के अनुसार, ऊपर बताए गए व्यक्ति के अलावा कोई और व्यक्ति कार पर झंडा लगाता है तो उन पर कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति भारत के संविधान या उसके भाग को जलाता है, कुचलता है या इसे गंदा करता है तो राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत 3 साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है।
भारत सरकार ने 26 जनवरी 2002 को तिरंगा फहराने व इसके इस्तेमाल को लेकर कानून बनाया था। पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की अनुमति नहीं थी। लेकिन दिसंबर 2021 में इसकी अनुमति दे दी गई। अब हाथ या मशीन से बना हुआ कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना तिरंगा भी अपने घर पर फहराया जा सकता है।
हर घर तिरंगा अभियान के तहत सरकार ने 20 जुलाई 2022 को फिर इस कानून में संशोधन किया। सरकार ने इस बार तिरंगे को किसी भी वक्त फहराने की अनुमति दे दी। अब इसे दिन रात 24 घंटे फहराया जा सकता है। इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी।