बसवन्ना ने ही दुनिया में पहले संसद की स्थापना की थी
केंद्र सरकार ने 2014 में कर्नाटक की राजधानी बेंगलोर का नाम बेंगलुरु करने समेत कर्नाटक के 12 शहरों के नाम बदलने की मंजूरी दी थी। इसी बदलाव के दौरान बीजापुर का नाम विजयपुरा कर दिया गया था। मंत्री ने कहा कि बसवन्ना ने ही दुनिया की पहली संसद ‘अनुभव मंतपा’ की स्थापना की थी और उन्होंने संसद की अवधारणा दी थी इसलिए हम कहते रहते हैं कि हमारी भूमि ‘बसव नाडु’ बननी चाहिए और हमें ‘बसव संस्कृति’ को अपनाना चाहिए। बसवन्ना 12वीं सदी के संत और कवि थे और उनका कन्नड़ समाज में बहुत आदर है।
बीजापुर अब होगा बसवेश्वर
मंत्री एम. बी. पाटिल विजयपुरा जिले की बबलेश्वर सीट से विधायक हैं। उन्होंने विस्तार से इस बारे में चर्चा करते हुए कहा कि दरअसल होयसल काल के दौरान इस क्षेत्र को विजयपुरा के नाम से जाना जाता था और फिर आदिल शाही वंश के शासन में यह बीजापुर बन गया। इसके बाद दोबारा इसका नाम बदलकर विजयपुरा कर दिया गया था। गौरतलब है कि होयसल प्राचीन दक्षिण भारत का एक राजवंश था। इसने दसवीं से चौदहवीं शताब्दी तक राज किया। अब एक बार फिर इसका नाम बदलने की मांग हो रही है। मुझे लगता है कि जिले का नाम बसवेश्वर कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह समाज सुधारक बसवन्ना की जन्मस्थली है। उन्होंने आगे यह कहा कि नाम बदलने से कुछ असुविधाएं होती हैं और जाहिर सी बात है कि यहां भी वो दिक्कते पेश आएंगी और कई जगहों पर नाम बदलने की प्रक्रिया चलानी होगी। मैं इस बारे में राज्य के मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा और सहमति बनने पर ही कुछ संभव हो पाएगा।