सेंटर शाल्टेंग: त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष
सत्ता के लिए नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने गठबंधन किया है, लेकिन सेंट्रल शाल्टेंग सीट पर गठबंधन में दरार पड़ गई। इस सीट पर एनसी के बागी नेता मुहम्मद इरफान शाह ने निर्दलीय ताल ठोंक कर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कर्रा की परेशानी बढ़ा दी है। पीडीपी ने अपने श्रीनगर जिला अध्यक्ष अब्दुल कयूम भट्ट को उम्मीदवार बनाया है। शाह के निर्दलीय उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है। इरफान शाह पूर्व मंत्री गुलाम मोहिद्दीन शाह के बेटे हैं और कर्रा के पुराने प्रतिद्वंद्वी हैं। बटमालू में मकबूल शाह से इस बारे में चर्चा की तो वे बोले, दोनों नेता मजबूत हैं, क्योंकि 2008 के विधानसभा चुनाव में बटमालू सीट से कर्रा को इरफान शाह शिकस्त दे चुके हैं। नजीर का कहना था कि शाह के मैदान में आने से कर्रा के वोट कटेंगे। बेमिना में रजिया ने कहा, भले ही कांटे की टक्कर है, लेकिन कर्रा सीट निकाल लेंगे। आरामपोरा के आरिफ मजीद ने कहा, कर्रा की स्थिति मजबूत है। बरथाना के मुबारिक ने कहा, इस बारे में चुनाव बहुत अलग है, कुछ भी हो सकता है। नौशेरा: पूर्व विधायक और पूर्व एमएलसी के बीच कड़ा मुकाबला
नौशेरा सीट पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र रैना और एनसी के सुरिंद्र कुमार चौधरी पूरी ताकत से चुनाव लड़ रहे हैं। पीडीपी के प्रत्याशी हक नवाज भी मैदान में हैं। रैना 2014 में पीडीपी के टिकट पर लड़े सुरिंद्र को हरा कर यहां से जीते थे। सुरिंद्र विधान परिषद सदस्य रहे। बाद में वे पीडीपी छोड़कर भाजपा में चले गए, लेकिन एक साल बाद ही एनसी में शामिल हो गए। इस चर्चित सीट पर लोग कांटे की टक्कर मान रहे हैं। मंजूर हुसैन ने कहा, असली मुकाबला रैना और चौधरी के बीच ही होगा। वहीं हेमेन्द्र ने कहा, भाजपा गुज्जर बकरवालों को एसटी वर्ग में आरक्षण देने का हवाला देकर वोट मांग रही है। यहां भाजपा भारी लग रही है। यह विधानसभा क्षेत्र पर्वतीय इलाके में नियंत्रण रेखा के पास है। यहां कृषि और पशुपालन ही रोजगार का बड़ा साधन है। नौशेरा के सुनील ने बताया कि यहां अग्रिवीर का भी चुनावी मुद्दा है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह नौशेरा में रैली कर चुके हैं।