दूसरे चरण में 20 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक केस
आपराधिक मामलों का सामना करने वालों में भाजपा के चार, पीडीपी के चार, कांग्रेस के दो और नेशनल कॉन्फ्रेंस का एक नेता शामिल है। जम्मू-कश्मीर चुनाव के दूसरे चरण के लिए चुनावी मैदान में उतरे 238 उम्मीदवारों में से 47 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से सात उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप हैं, जिनमें से एक पर बलात्कार का मामला दर्ज है। 37 उम्मीदवारों पर अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि तीन पर हत्या के मामले दर्ज हैं।
आठ निर्वाचन क्षेत्र रेड अलर्ट घोषित
आपराधिक मामलों वाले इन उम्मीदवारों की मौजूदगी के कारण ही चुनाव आयोग ने आठ निर्वाचन क्षेत्रों को रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र घोषित किया है। चुनाव आयोग के अनुसार, जिस निर्वाचन क्षेत्र में तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, उसे रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए। 114 प्रत्याशी स्नातक, छह डिप्लोमा धारक, एक अशिक्षित
दिलचस्प बात यह है कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता औसत से कम है। औसतन, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वीं कक्षा के बीच है, जबकि उनमें से एक ने खुद को अशिक्षित घोषित किया है। कुल 114 उम्मीदवार स्नातक या उससे ऊपर हैं जबकि छह अन्य डिप्लोमा धारक हैं। सभी उम्मीदवारों में से 84 25-40 आयु वर्ग के हैं, 105 41-60 आयु वर्ग के हैं और 49 61-80 आयु वर्ग के हैं।
दूसरे चरण में सिर्फ तीन महिला उम्मीदवार
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए केवल तीन महिला उम्मीदवार मैदान में हैं। दूसरे चरण में मुख्य मुकाबला भाजपा और एनसी-कांग्रेस गठबंधन के बीच है, जबकि पीडीपी भी दूसरे चरण में चुनौती पेश कर रही है। दूसरे चरण के लिए मतदान 25 सितंबर को होना है। तीसरा और आखिरी चरण 1 अक्टूबर को है। नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित होंगे। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 47 सीटें कश्मीर डिवीजन में और 43 सीटें जम्मू डिवीजन में हैं।