scriptदेशी हथियारों की ताकत से भारतीय सेना बनेगी फौलादी, 1.45 लाख करोड़ के सौदे मंजूर | Indian army will become strong with power of indigenous weapons, deals worth Rs 1.45 lakh crore approved | Patrika News
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देशी हथियारों की ताकत से भारतीय सेना बनेगी फौलादी, 1.45 लाख करोड़ के सौदे मंजूर

Indian army: सरकार ने सशस्त्र सेनाओं की क्षमता बढ़ाने और उनके आधुनिकीकरण के लिए करीब एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदों को मंजूरी दे दी है।

नई दिल्लीSep 04, 2024 / 02:23 pm

Shaitan Prajapat

Indian army: चीन से बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना के आधुनिकीकरण को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा निर्णय किया। सरकार ने सशस्त्र सेनाओं की क्षमता बढ़ाने और उनके आधुनिकीकरण के लिए करीब एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदों को मंजूरी दे दी है। इन सौदों की मदद से हमारी तीनों सेनाओं की ताकत बढ़ेगी। पुराने रूसी टी 72 टैंकों की जगह अब ऐसे नए स्वदेशी टैंक लेने जा रहे हैं, जिनमें बम और ड्रोन हमलों की स्थिति में भी क्रू सुरक्षित रहेंगे। नौसेना के लिए सात हाइटेक युद्धपोतों का निर्माण भी किया जाएगा। वायुसेना के सुखोई 30 एमकेआइ विमान भी पांचवीं पीढ़ी के अनुसार अपग्रेड होंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद की बैठक हुई, जिसमें एक लाख 44 हजार 716 करोड़ रुपए की राशि के 10 खरीद प्रस्तावों की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की गई। इन सौदों की कुल लागत का 99 फीसदी देश में ही डिजाइन, विकसित और निर्मित श्रेणी का होगा। केंद्र के इस निर्णय के बाद रक्षा क्षेत्र की कंपनियों ने शेयरों में तेजी देखी गई।
Indian army weapons
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन प्रस्तावों में सेना के टैंक बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए ‘फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स (एफआरसीवी) की खरीद का प्रस्ताव भी शामिल है। एफआरसीवी बेहतर गतिशीलता, सभी इलाकों में काम करने की क्षमता, बहुस्तरीय सुरक्षा, सटीक तथा घातक आग पर काबू पाने वाले उपकरणों से लैस मुख्य युद्धक टैंक होगा। ये टैंक टॉप अटैक प्रोटेक्शन सिस्टम से लैस होंगे, जिससे बम और ड्रोन हमले की स्थिति में भी क्रू सुरक्षित रहेंगे। पुराने टैंकों की तुलना में इन्हें विपरीत से भी विपरीत जगह पर ले जाना आसान होगा। मल्टीलेयर सुरक्षा सिस्टम टैंकों में लगा होगा।
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भारतीय तटरक्षक (आइसीजी) की क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए तीन रक्षा सौदों को मंजूरी मिली है। एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार की खरीद को भी हरी झंडी मिली है। इस रडार से हवाई लक्ष्य का न केवल आसानी से पता चल सकेगा, बल्कि आसमान की सघन निगरानी भी होगी। निगरानी करेगा और फायरिंग संबंधी समाधान प्रदान करेगा।

त्रि-शक्ति की बढ़ेगी मारक क्षमता

1- डोर्नियर-228 : यह विमान खराब मौसम की स्थिति में उच्च परिचालन के तेज गश्ती का काम करता है। यह निगरानी, समुद्री क्षेत्र की गश्त, खोज, बचाव और आपदा राहत में काम आएगा। तीन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इससे नौ सेना की ताकत बढ़ेगी।
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2- खुफिया युद्धपोत : भारतीय नौसेना को प्रोजेक्ट 17 ब्रावो के तहत सात नए युद्धपोत बनाए जाएंगे। यह अब तक निर्मित सबसे आधुनिक खुफिया युद्धपोत होंगे। इससे नौ सेना की ताकत बढ़ेगी
3- एफआरसीवी: यह सभी क्षेत्र में क्षमता रखने वाले और सटीक मार करने में सक्षम युद्धक टैंक हैं। यह बहुत ही तेज, चपल, सटीक, घातक वार करने वाला होगा। योजना के तहत 1,700 टी-72 टैंकों को एफआरसीवी में बदला जाएगा। इससे भारतीय थलसेना की ताकत में बढ़ोतरी होगी।
4- फॉरवर्ड रिपेयर टीम (ट्रैक्ड): यह एक युद्धक उपकरण है। इसे मशीनीकृत इन्फेंट्री बटालियन और आर्मर्ड रेजिमेंट युद्धक स्थिति में टैंकों और वाहनों को ले जाने के लिए प्रयोग करती है। इससे भारतीय थलसेना की ताकत में बढ़ोतरी होगी।
5- एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार: यह दुश्मन के विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन का पता लगाएगा और उन्हें ट्रैक करके समय रहते ही मार गिराएगा। इससे भारतीय वायुसेना और भी चौकस और मारक हो जाएगी।
6- सुखोई 30 एमकेआई : सुखोई 30 एमकेआइ को पांचवीं पीढ़ी के विमान में बदलाव करते हुए कोरापुट में बदलाव किया जाएगा। इसे सुपर सुखोई में बदलने के लिए 240 एयरो-इंजन ( एएल-31 एफपी) की खरीद की जाएगी। वायुसेना के पास 260 से अधिक सुखोई हैं। इससे वायुसेना को बल मिलेगा।

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