NH-2 अभी भी जाम
पुलिस और सुरक्षाबलों ने मिलकर NH37 तो खाली करवा लिया है, लेकिन कुकी संगठन द्वारा इंफाल को नागालैंड के दीमापुर से जोड़ने वाले NH-2 पर अभी तक नाकेबंदी है। बड़ी संख्या में कुकी समुदाय के लोग यहां जमा हैं। इस समुदाय के लोगों ने आरोप लगते हुए कहा ‘2 नेशनल हाईवे की आर्थिक नाकेबंदी इसलिए लगाई गई क्योंकि मेइती गुट दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं को हमारे क्षेत्रों तक पहुंचने से रोक रहे हैं। केवल दवाओं की सप्लाई को नाकाबंदी से छूट दी जाएगी, जो कुकी क्षेत्रों में सामानों की सुचारू आवाजाही होने तक जारी रहेगी।’ अब एक NH को शुरू हो गयी है, लेकिन NH 2 को खाली करना बाकी है।
बड़ी संख्या में गोला-बारूद बरामद
पुलिस शस्त्रागार से हिंसा के दौरान बड़ी मात्रा में हथियारों की लूट हुई थी। इन हथियारों की रिकवरी के लिए व्यापक अभियान चलाए जा रहे हैं। इस दौरान सुरक्षा बलों द्वारा इम्फाल पश्चिम और पूर्व, थौबल, काकचिंग, चुराचांदपुर, तेंगनौपाल कांगपोकपी और बिष्णुपुर जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया गया। पुलिस ने कहा, “इंफाल पूर्व, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों से सात हथियार और 81 गोला-बारूद बरामद किए गए।”
विवाद का कारण जानिए
कुकी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला है, लेकिन मैतेई अनूसूचित जनजाति का दर्जा मांग रहे हैं। नागा और कुकी का साफ मानना है कि सारी विकास की मलाई मूल निवासी मैतेई ले लेते हैं। आजादी के समय कुकी समुदाय के लोग मात्र 4 प्रतिशत थे लेकिन बाद में इनकी आबादी एकाएक बढ़ी।
मणिपुर के सीएम बिरेन सिंह ने मौजूदा हालात के लिए म्यांमार से घुसपैठ और अवैध हथियारों को ही जिम्मेदार ठहराया है। करीब 200 सालों से कुकी को स्टेट का संरक्षण मिला। बाद में अधिकतर ने इसाई धर्म स्वीकार कर लिया जिसका फायदा मिला और एसटी स्टेटस भी मिला। अब सारा बवाल इसी मामले को लेकर मचा है।