कृषि क्षेत्र स्मार्ट योजना से बाहर संचार नेटवर्क वाले सभी क्षेत्रों में 2023 तक और देश के अन्य हिस्सों में 2025 तक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है। इस योजना से कृषि क्षेत्रों को फिलहाल बाहर रखा गया है। साथ ही जिन क्षेत्रों में संचार नेटवर्क कमजोर है या फिर नहीं है उन क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति मौजूदा मीटरों के जरिए बहाल रखने को लेकर संबंधित क्षेत्रों में राज्य विनियामक आयोग अंतिम फैसला लेंगे।
यूज करने से पहले रिचार्ज कराना होगा बिल ध्यान देने की बात यह है कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं केबल टीवी और मोबाइल फोन की तरह पहले बिजली रिचार्ज ( electricity recharge ) कराना होगा। रिचार्ज खत्म होते ही बिजली की आपूर्ति ठप हो जाएगी। विशेष स्थितियों में उपभोक्तओं को कुछ समय के लिए बिजली की आपूर्ति को बहाल रखा जा सकता है। मौजूदा व्यवस्था के तहत उपभोक्ता पहले बिजली का उपयोग करते हैं और बिल आने के बाद उसका भुगतान करते हैं।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर के लाभ प्रीडेप स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को न केवल बिजली बिल संबंधी समस्याओं से निजात मिलेगी बल्कि उन्हें अपने घर प्रतिष्ठान में बिजली खपत की पल-पल जानकारी भी हो सकेगी। शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की कवायद भी शुरू हो चुकी है। स्मार्ट मीटर से अधिक बिल नहीं आता है। यह उपभोक्ताओं के वास्तविक खपत को दर्शाता है। बिजली के स्मार्ट मीटर से घर प्रतिष्ठान में बिजली खपत की पल-पल जानकारी मिल सकती है। बिजली बिल व मीटर रीडिंग से छुटकारा। उपभोक्ता स्वयं अपना बिजली बिल रिचार्ज कर सकते हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी और निर्बाध बिजली आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी ।