सतीश रेड्डी ने दी जानकारी डीआरडीओ अध्यक्ष ने बताया कि एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को कम करने के लिए, हम कार्न के स्टार्च से बने इन पर्यावरण के अनुकूल बैग लेकर आए हैं, जो 90 दिनों के भीतर स्वाभाविक रूप से खराब हो जाते हैं। साथ ही मवेशियों द्वारा इनका सेवन करने पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। विस्तृत शोध और सूत्र के कठोर परीक्षण के बाद हम तिरुमला के लिए ये बैग लेकर आए हैं।
पर्यावरण के अनुकूल हैं ये बैग सतीश रेड्डी का कहना है कि पेट्रोकेमिकल्स से बने पारंपरिक पॉलीथीन बैग पर्यावरण के लिए जहरीले होते हैं और इन्हें खराब होने में लगभग 200 साल लगते हैं। इसके विपरीत, इन बैगों को ऐसे प्लास्टिक उत्पादों के लिए एक स्थायी, लागत प्रभावी और समुद्र-सुरक्षित विकल्प के रूप में पेश किया जाएगा।
गौरतलब है कि इन बैग के लिए DRDO के अध्यक्ष सतीश रेड्डी, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी डॉ के.एस. जवाहर रेड्डी और अतिरिक्त ईओ ए.वी. धर्म रेड्डी ने रविवार को तिरुमला में एक विशेष बिक्री काउंटर का उद्घाटन किया।
तीर्थयात्रियों की प्रतिक्रिया का है इंतजार टीटीडी ईओ ने कहा, डीआरडीओ द्वारा बायो-डिग्रेडेबल बैग का शुभारंभ एक उल्लेखनीय पहल और पर्यावरण के अनुकूल उपाय है। उन्होंने कहा, इस तरह के उत्पाद मानव जाति के अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं। कुछ दिनों तक तीर्थयात्रियों की प्रतिक्रिया को देखने के बाद, हम इसकी बिक्री पूरी तरह से शुरू करने की योजना बना रहे हैं।