इसी सप्ताह दी जा सकती है छुट्टी
ऑपरेशन कैंसर इंस्टीट्यूट के चिकित्सा निदेशक और जेनिटो-यूरो ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर रावल के साथ उनकी टीम ने किया। टीम ने रोबोट की मदद से मरीज के मूत्र मार्ग के आसपास कैंसर प्रभावित कोशिकाओं को काटकर बाहर निकाला। रिसर्च सेंटर में जिस वक्त ऑपरेशन किया गया, डॉक्टरों की टीम गुरुग्राम के एसएन इनोवेशन में थी। ऑपरेशन के दौरान इंटरनेट या तकनीक में कोई दिक्कत न आए, इसकी पूरी व्यवस्था की गई। मरीज की हालत स्थिर बताई जा रही है। उसे इसी सप्ताह छुट्टी दी जा सकती है।
देश के किसी भी कोने में टेलीसर्जरी संभव
डॉ. सुधीर रावल का कहना है कि अब देश के किसी भी कोने में मरीज का इलाज टेलीसर्जरी से संभव है। सामान्य ऑपरेशन में मरीज का सर्जरी वाला हिस्सा दिखता है। उसी तरह का विजन यहां 3डी क्वॉलिटी के साथ था। तीन दिन पहले इटली के रोम में बैठे चीनी डॉक्टर ने 13 हजार किमी दूर बीजिंग के अस्पताल में प्रोस्टेट कैंसर से पीडि़त मरीज का ऑपरेशन किया था।
ऑपरेशन में पांच रोबोटिक भुजाएं
पूरा ऑपरेशन सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम के जरिए हुआ। इसमें पांच पतली रोबोटिक भुजाएं होती हैं। एक इमर्सिव 3डी एचडी हेडसेट की मदद से डॉक्टर को स्पष्ट दिखता है। इस तकनीक में मरीज को अंगुली से भी छोटा चीरा लगाया जाता है। इससे खून का बहाव कम होता है। इस ऑपरेशन में टांके और मरीज की रिकवरी पारंपरिक सर्जरी की मुकाबले काफी जल्दी होती है।