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दरअसल शनिवार को दिल्ली में 20 हजार केस आए और सात मौत हुईं। जबकि करीब 1500 बेड भरे हुए हैं। वहीं पिछली लहर के समय सात मई 2021 को भी 20 हजार केस आए थे, तब 341 मौत हुई थीं और 20 हजार बेड भरे हुए थे। ऐसे में इस लहर के बीच राहत देने वाली बात यह है कि मौत का आंकड़ा काफी कम है। यही नहीं लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत काफी कम पड़ रही है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल में कहा है कि भले ही दिल्ली में कोरोना के मामले चिंता बढ़ाने वाले हैं, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि फिलहाल दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगाया जा रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना गाइडलाइन को लेकर किसी भी तरह की छूट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि मास्क लगाना अनिवार्य है और इसके साथ ही जो भी समय के हिसाब से गाइडलाइन जारी की जा रही है, उसके उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई होगी।
यही नहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रेसवार्ता के जरिए ये भी कहा था कि, हमारी कोशिश है कि राजधानी में कम से कम प्रतिबंध लगाए जाएं, ताकि लोगों की रोजी-रोटी पर असर ना पड़े। ऐसे में जरूरी है कि सभी को कोरोना गाइडलाइनों का सख्ती से पालन करना होगा। बहुत ज्यादा जरूरत ना हो तो घर से बाहर बिल्कुल ना निकलें।