राम मंदिर के निमंत्रण को स्वीकार ना करना पीड़ादायक है
कांग्रेस आलाकमान की तरफ से राम मंदिर का न्यौता ठुकराने के पर कांग्रेस के बड़े नेता और प्रियंका गांधी के करीबी आचार्य कृष्णम ने हैरानी जताई है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देखिए राम मंदिर और भगवान राम सबके हैं। राम मंदिर को भाजपा का समझना दुर्भाग्यपूर्ण है। राम मंदिर को बीजेपी का मानना दुर्भाग्यपूर्ण है। राम मंदिर को आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल का मान लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी नहीं है।
कांग्रेस वो पार्टी है, जो महात्मा गांधी के रास्ते पर चलती है। कांग्रेस के ही नेता राजीव गांधी ने ही मंदिर के ताले खुलवाने का काम किया। भगवान श्रीराम के मंदिर के निमंत्रण को स्वीकार ना करना दुखद है, यह पीड़ादायक है, यह कष्टदायक है।’
करोड़ों कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का दिल टूटा
वहीं, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, ‘कांग्रेस राम विरोधी नहीं है। ये कुछ लोग हैं, जिन्होंने इस तरह का फैसला कराने में भूमिका अदा की है। ये बड़ा गंभीर विषय है। आज मेरा दिल टूट गया है। और इस फैसले से करोड़ों कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का दिल टूटा है उन कार्यकर्ताओं का, उन नेताओं का जिनकी आस्था भगवान राम में है।’
पार्टी को ऐसे निर्णय से दूर रहना चाहिए था- कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष
वहीं, इस पूरे मुद्दे पर गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने भी अयोध्या नहीं जाने के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने पार्टी को ऐसे फैसले नहीं लेने की सलाह दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, ‘भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय से दूर रहना चाहिए था।’ साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान की एक कॉपी भी साझा की है।