ममता की चुप्पी पर सवाल
घटना की निंदा करते हुए कांग्रेसी नेता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी पर सवाल उठाया। ममता बनर्जी ने अब तक इस हत्या पर कुछ नहीं बोला है। कई मौकों पर वो केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के विरोध में भी बयान दे चुकी है। मृतक शेख के परिवारवालों ने आरोप लगाया कि शुक्रवार नौ जून को जब वह कार्ड खेल रहे थे तभी टीएमसी के गुंडों ने उन पर हमला कर दिया था। उन्हें वाहन से तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। सब तरफ से सवाल उठने जब शुरू हुए तब सत्ता में काबिज टीएमसी पार्टी के नेताओं ने इन आरोपों को गलत बताया है।
कल अधीर रंजन ने राज्यपाल की लिखी थी चिठ्ठी
कल कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को चिट्ठी लिखी थी , जिसमें यह कहा गया था कि मौजूदा समय में बंगाल में जंगलराज चल रहा है,गुंडे बदमाश कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे हैं, जिसमें सत्तासीन पार्टी के कार्यकर्ता विपक्षी कार्यकर्ताओं का शैतानों की तरह शिकार कर रहे हैं। गोली चलाने वालों को सरकार और राज्य के प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है। हर गली-नुक्कड़ में डर का महल है। लोकतंत्र के आदर्शों को सत्ता पर काबिज पार्टी द्वारा कब्र में दफना दिया गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में हमें डर लग रहा है कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराना एक दूर की कौड़ी ही रह जाएगा। विधानसभा चुनाव के दौरान क्या हुआ था ये सबने देखा, इसीलिए हम चाहते हैं की इस बार कोई ठोस कदम उठाया जाए। इस बाबत हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इन चुनावों को केंद्रीय सुरक्षाबलों की निगरानी में कराया जाए। इस मामले में आपकी ओर से कदम उठाया जाना अपेक्षित है
प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया
बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर इस निर्मम हत्या से काफी आहत दिखे। उन्होंने इस हत्या में खारग्राम प्रशासन पर भी आरोप लगाया। उनका कहना था की- आरोपी को खारग्राम प्रशासन का संरक्षण मिला, जिससे उसका मनोबल बढ़ा और फिर बाद में इस हत्या को अंजाम दिया गया। हम इसे लेकर प्रदर्शन करेंगे।
आगे उन्होंने कहा – तृणमूल कांग्रेस बुलेट निर्वाचन चाहती है या बैलेट निर्वाचन? पहले ये स्पष्ट करे, हम तृणमूल कांग्रेस को बंगाल की जमीन पर खून की राजनीति नहीं करने देंगे। यह बात तो सही है कि बंगाल में एक भी चुनाव बिना हिंसा के संपन्न नहीं हो पाता है। कई बेगुनाह को चुनाव के दौरान अपना जान गंवाना पड़ता है।