महाकुंभ के ज़रिए के समक्ष अपने को भारत के नए प्रतीक चिह्न के रूप में प्रस्तुत करने का यह एक स्वर्णिम अवसर है। आगामी कुंभ में दुनिया भारत का सांस्कृतिक वैभव देखगी। किला घाट, दशाश्वमेघ घाट के निर्माण कार्य एवं अक्षयवट, पातालपुरी व सरस्वती कूप कॉरिडोर के काम तेजी से चल रहे हैं।
प्रयागराज के अफसर माघमेला को महाकुंभ के पूर्वाभ्यास के तौर पर ले रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक क्षमता, सांस्कृतिक समृद्धि एवं पर्यटन की सुविधाओं को प्रदर्शित करते हुए हम इस बार के महाकुंभ को और दिव्य बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोजन के दौरान स्वच्छता के मानक गढ़े और इस बात का ध्यान रखें की मेला में प्रतिबंधित पॉलिथीन का प्रयोग ना होने पाए। इसके लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग करते हुए श्रद्धालुओं को जागरुक करें।
ड्रोन से की जाएगी निगरानी
महाकुंभ और माघ मेला के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करके भीड़ नियंत्रित कर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत की जा रही है। महाकुंभ और माघ मेला के दौरान स्थानीय कलाकारों के कला-शिल्प की बिक्री के लिए प्रदर्शनी लगाने की भी तैयारी है। इससे कलाकारों की आजीविका में मदद मिलेगी।