क्या बोले चिराग पासवान
मीडिया से बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा, “मैं 21वीं सदी का शिक्षित युवा हूं और मेरी लड़ाई जातिवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ है। मैं अपने राज्य के पिछड़ेपन के लिए इसी कारण को जिम्मेदार मानता हूं। जहां कहीं भी जाति और धर्म के आधार पर विभाजन है, मैं न तो उसका समर्थन करूंगा और न ही उसे बढ़ावा दूंगा और मुझे नहीं लगता कि मेरी उम्र के किसी अन्य शिक्षित युवा के लिए ऐसी चीजें मायने रखती हैं, चाहे वह किसी भी जाति और धर्म से संबंधित हो।”
उत्तराखंड में भी फैसला लागू
उत्तर प्रदेश के बाद अब देवभूमि उत्तराखंड में कांवड़ रूट पर आने वाली दुकान और रेस्टोरेंट के मालिकों को नेमप्लेट लगानी होगी। हरिद्वार पुलिस ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। 22 जुलाई से शुरू हो रही कावड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक नया आदेश जारी किया है। मुजफ्फरनगर पुलि़स ने कावड़ यात्रा के रास्ते में आने वाली दुकानों और रेस्टोरेंट के मालिकों को अपने नाम का बोर्ड लगाने का आदेश दिया था। इसी तर्ज पर हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग में दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया है। हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान कई दुकानों को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है क्योंकि उसमें प्रोपराइटर का नाम नहीं लिखा होता है। कई बार कावंड़िए इस बात को लेकर आपत्ति भी जताते हैं। इस संबंध में हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर आने वाले जितने भी होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट, रेहड़ी-पटरी वाले हैं, उन सबका सत्यापन कर उन पर प्रोपराइटर के नाम अंकित करने के लिए जोर दे रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया कि ऐसे नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करेंगे।
बीजेपी नेता ने भी उठाए सवाल
यूपी पुलिस के इस फैसले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी सवाल उठाए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मुजफ्फरनगर में पुलिस द्वारा जारी आदेश को लेकर यह टिप्पणी की है। मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को एक्स पर लिखा, ”कुछ अति-उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गडबड़ी वाली… अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं… आस्था का सम्मान होना ही चाहिए, पर अस्पृश्यता का संरक्षण नहीं होना चाहिए… जनम जात मत पूछिए, का जात अरु पात। रैदास पूत सब प्रभु के, कोए नहिं जात कुजात।”