दरअसल, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मीर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में ब्लैकलिस्ट का प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव का भारत ने समर्थन किया था, लेकिन चीन ने इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी। यदि साजिद मीर वैश्विक आतंकवादी घोषित हो जाता तो दुनियाभर में उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाती। इसके अलावा सदस्य देशों में उसका आना-जाना भी बैन हो जाता और न ही उसे कोई हथियार मुहैया करा पाता।
बता दें कि आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की और अब्दुल रऊफ के विपरीत इस बार अमेरिका ने मीर का प्रस्ताव रखा जिसके बाद भारत इस मामले में सह-नामितकर्ता बन गया। इसके बावजूद चीन ने पाक प्रेम को ऊपर रखते हुए इस बार भी अड़ंगा लगाया है।
सिविल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले को किया नाकाम !
पिछले महीने, चीन ने जैश-ए मोहम्मद (JEM) प्रमुख मसूद अजहर के भाई और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के एक वरिष्ठ नेता अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका और भारत के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी।
बता दें कि साजिद मीर भारत के सबसे वांटेड आतंकवादियों में से एक है और 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए अमेरिका द्वारा उसके सिर पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा गया है।
पिछले साल पाकिस्तान ने उसे आतंकी फंडिंग के मामले में 15 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने दावा किया कि मीर की मौत हो चुकी है, लेकिन उसके इस झूठ पर किसी भी पश्चिमी देश ने भरोसा नहीं किया।