जानकारी के मुताबिक यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता संजीव नेवार और स्वाति गोयल शर्मा द्वारा अधिवक्ता शशांक शेखर झा के माध्यम से दायर की गई है। वहीं इसमें दिल्ली सरकार, डीडीएमए, दिल्ली जल बोर्ड और केंद्र को पक्ष बनाया गया है। बता दें कि इन दिनों यमुना का पानी काफी प्रदूषित है, इसके चलते ही यमुना किनारे छठ पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई है।
800 घाटों पर छठ पूजा की अनुमति
बता दें कि दिल्ली सरकार ने इस बार छठ पूजा के लिए 800 घाटों को तैयार किया गया है। वहीं प्रदूषण के चलते इस बार दिल्ली वासियों को यमुना किनारे छठ पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई है। इस दौरान कोरोना नियमों का भी सख्ती से पालन किया जाएगा। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 29 अक्टूबर को इस संबंध में आदेश जारी कर जानकारी दी थी।
अगर दिल्ली में छठ पूजा की तैयारियों की बात करें तो सरकार के मंत्री और आप के वरिष्ठ नेताओं ने जगह-जगह छठ घाटों का निरीक्षण कर रहे हैं। यही नहीं दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भलस्वा झील पर छठ तैयारियों का निरीक्षण किया। श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए छठ घाटों पर टेंट से लेकर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। यहां लोगों से कोरोना नियमों का पालन करने की अपील भी की जा रही है।