तीन अफसर संभालेंगे जांच की जिम्मा
सीबीआई द्वारा लवली कटियार, निर्मला देवी, मोहित गुप्ता को अपनी-अपनी टीम नेतृत्व करने का जिम्मा मिला है। दो महिला अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और छह महिला पुलिस उपाधीक्षक को भी जांच में शामिल किया गया है। बता दें कि पुलिस उपाधीक्षक ऐसे मामलों में पर्यवेक्षी अधिकारी नहीं हो सकते हैं, इसलिए एजेंसी ने जांच की निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए तीन DIG और एक SP को भेजा है।
इसके अलावा 16 इंस्पेक्टर और 10 सब-इंस्पेक्टर को भी जांच में शामिल किया गया है। ये टीम मणिपुर हिंसा से संबंधित नौ और मामले की जांच करने वाली है। इससे पहले सीबीआई आठ मामलों की जांच कर रही थी, यानी अब कुल 17 मामलों की जांच सीबीआई के जिम्मे है। इन जांच में हिंसा के अलावा, महिलाओं के साथ अत्याचार, सामूहिक दुष्कर्म, यौन उत्पीड़ के मामले भी शामिल हैं।
लूटे गए हथियारों की बरामदगी के लिए चल रही छापेमारी
मणिपुर पुलिस ने बताया कि पुलिस से लूटे गए हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी के लिए सुरक्षा बल पहाड़ी और घाटी इलाकों में लगातार छापेमारी कर रही हैं। अब तक इस छापेमारी में घाटी के जिलों में 1057 हथियार और 14201 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं और पहाड़ी जिलों में 138 हथियार और 121 गोला-बारूद बरामद हुए हैं।
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विवाद का कारण जानिए
कुकी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला है, लेकिन मैतेई अनूसूचित जनजाति का दर्जा मांग रहे हैं। नागा और कुकी का साफ मानना है कि सारी विकास की मलाई मूल निवासी मैतेई ले लेते हैं। आजादी के समय कुकी समुदाय के लोग मात्र 4 प्रतिशत थे लेकिन बाद में इनकी आबादी एकाएक बढ़ी।
मणिपुर के सीएम बिरेन सिंह ने मौजूदा हालात के लिए म्यांमार से घुसपैठ और अवैध हथियारों को ही जिम्मेदार ठहराया है। करीब 200 सालों से कुकी को स्टेट का संरक्षण मिला। बाद में अधिकतर ने इसाई धर्म स्वीकार कर लिया जिसका फायदा मिला और एसटी स्टेटस भी मिला। अब सारा बवाल इसी मामले को लेकर मचा है।