script‘कन्नड़ जाने बिना कर्नाटक में नहीं रह सकते…’, DK Shivakumar ने ऐसा क्यों कहा? | 'Can't live in Karnataka without knowing Kannada...', why did DK Shivakumar say this? | Patrika News
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‘कन्नड़ जाने बिना कर्नाटक में नहीं रह सकते…’, DK Shivakumar ने ऐसा क्यों कहा?

Karnatak News: कर्नाटक सरकार ने 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर बेंगलुरू में सभी शैक्षणिक संस्थानों, व्यवसायों और कारखानों में कन्नड़ ध्वज फरहाना अनिवार्य कर दिया है।

बैंगलोरOct 13, 2024 / 02:05 pm

Ashib Khan

DK Shivakumar

DK Shivakumar

DK Shivakumar: कर्नाटक सरकार ने 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस (State Foundation Day) पर बेंगलुरू में सभी शैक्षणिक संस्थानों, व्यवसायों और कारखानों में कन्नड़ ध्वज फरहाना अनिवार्य कर दिया है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने कहा कि बेंगलुरु और बेंगलुरु शहरी जिले में रहने वाले करीब 50 प्रतिशत लोग अन्य राज्यों से हैं और उन्हें भी कन्नड़ सीखने की प्राथमिकता देनी चाहिए। 

‘कन्नड़ ध्वज अनिवार्य रूप से फहराना चाहिए’

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि हम मैसूर राज्य का नाम बदलकर कर्नाटक किए जाने की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। कन्नड़िगाओं के लिए 1 नवंबर उत्सव का दिन है। बेंगलुरू के प्रभारी मंत्री के रूप में मैंने एक नया कार्यक्रम तैयार किया है, जिसके तहत सभी स्कूलो, कॉलेजों, कारखानों में कन्नड़ ध्वज अनिवार्य रूप से फहराया जाना चाहिए। 

‘कर्नाटक में कन्नड़ जाने बिना नहीं रहा जा सकता’

डिप्टी सीएम ने कहा कि हर किसी को यह महसूस होना चहिए कि कोई भी कन्नड़ जाने बिना कर्नाटक में नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि 1 नवंबर को स्कूलों और कॉलेजों में कन्नड़ ध्वज फहराने के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होने चाहिए, जैसे स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर आयोजित होते है। उन्होंने कहा कि कन्नड़ ध्वज के प्रति सम्मान दिखाया जाना चाहिए। 

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