मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का 1 फरवरी को आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने National Data Governance Policy का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि, सरकार नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी लेकर आ रही है। इस पॉलिसी में KYC को आसान बनाया जाएगा। KYC प्रॉसेस को आसान बनाने के लिए रिस्क बेस्ड अप्रोच अपनाई जाएगी। सरकार National Data Governance Policy लेकर आएगी, जिससे इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही अनजान डेटा को एक्सेस किया जा सकेगा। इस पॉलिसी के बारे में फिलहाल विस्तार से जानकारी सामने नहीं आई है। इसके साथ ही Digi Locker का इस्तेमाल अब डॉक्यूमेंट शेयरिंग में भी किया जा सकेगा।
दुनिया के लिए डेटा एक बड़ी ताकत बन गई है। तमाम कंपनियां यूजर्स का डेटा हासिल करने की कोशिश करती हैं। इस डेटा का अच्छा बुरा दोनों इस्तेमाल हो सकता है। यूजर्स के डेटा की सुरक्षा के लिए सरकार National Data Governance Policy लाएगी। इस पॉलिसी का काम डेटा के यूज को मैनेज करना होगा।
KYC या फिर Know Your Customer बैंक ग्राहकों के लिए एक अनिवार्य वेरिफिकेशन प्रोसेस है। बैंकिंग रेगुलेटर RBI ने देश में केवीआई के नियम लागू कर रखे हैं, ताकि अनैतिक गतिविधियों को रोका जा सके। RBI अनुसार, देश में कोई भी बिना KYC कराए हुए बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट या फिर डीमैट अकाउंट नहीं खुलवा सकता है।
KYC के लिए जरूरी दस्तावेज क्या हैं? (Documents required for KYC in India)
– पासपोर्ट
– वोटर आईडी कार्ड
– ड्राइविंग लाइसेंस
– आधार कार्ड
– मनरेगा कार्ड
– पैन कार्ड ।