सात महीने पहले भी मिला था नोटिस
मीडिया से बात करते हुए, कविता ने कहा कि उन्हें लगभग सात महीने पहले इसी तरह का नोटिस मिला था। प्रारंभ में, उन्होंने यह सोचकर इसे खारिज कर दिया कि यह किसी और के लिए है। लेकिन जब उन्हें 13 जनवरी को दूसरा नोटिस मिला, तो वे घबरा गए क्योंकि उन्हें लगा कि यह कुछ गंभीर है। उन्होंने वानियमबाडी कर कार्यालय से संपर्क किया, और अधिकारियों ने उन्हें आगे की पूछताछ के लिए चेन्नई जाने का निर्देश दिया।
एसपी ऑफिस जाने के लिए लेना पड़ता उधार
इस पूरे मामले में यह पूछे जाने पर कि उन्होंने इस केस में पुलिस से संपर्क क्यों नहीं किया, तो कविता ने कहा कि उनकी वित्तीय स्थिति उन्हें तिरुपत्तूर में पुलिस अधीक्षक के कार्यालय जाने से रोक रहा है। “अगर हमें याचिका दायर करने के लिए तिरुपत्तूर में एसपी कार्यालय जाना पड़ता है, तो हमें पड़ोसियों से पैसे उधार लेने पड़ते हैं।”