गंगा और सिंघल के बीच बेहद आत्मीयता थी। आज गंगा नहीं है, लेकिन उसके वंश में 15 से 20 गाय-बछड़े हो चुके हैं। अब इनके दूध से प्राण- प्रतिष्ठा समारोह के दिन रामलला का दुग्धाभिषेक किया जाएगा। कारसेवकपुरम में इन गायों के गोबर से खाद तैयार की जाती है। देशभर से आने वाले श्रद्धालु धार्मिक और औषधीय उपयोग के लिए फिल्टर किया गोमूत्र ले जाते हैं।
अब चंपत राय कर रहे गौशाला की देखरेख
अयोध्या में परिक्रमा मार्ग पर स्थित कारसेवकपुरम में श्री राम गोशाला समिति की स्थापना अशोक सिंघल ने ही थी। वर्तमान में इसकी देखरेख चंपत राय और पुरुषोत्तम नारायण सिंह कर रहे हैं। इस समिति का मूल मंत्र जय गौ माता, जय गोपाल ही है।