हरियाणा के भिवानी जिले में 23 वर्षीय पवन ने इसलिए फंदे से लटककर जान दे दी, क्योंकि उसकी सारी तैयारी के बाद भी सेना की बहाली नहीं निकलने के कारण उसका आर्मी ज्वाइन करने का सपना टूट गया. तालू गांव पवन की आत्महत्या के बाद सेना बहाली का मामला फिर से चर्चा में आ गया है. पवन ने उसी मैदान में जान दे दी जहां वो रोज सुबह सेना में जाने की तैयारी किया करता था. फंदे पर झूलने से पहले पवन ने रेत पर लिखा कि मैं इस जन्म में तो सेना में शामिल नहीं हो सका, लेकिन अगले जन्म में जरूर सेना में जाऊंगा.
यह भी पढ़ेंः आईआईटी द्वारा सेना को बड़ी सौगात, अब बारूदी सुरंग की जानकारी मिलेगी यूएवी से
पवन की खुदकुशी के बाद हमने इस मामले की पड़ताल की आखिर सेना की तैयारी करने वाले युवाओं में इतना हताशा क्यों है? हमारी पड़ताल में यह बात सामने आई कि हरियाणा में बीते तीन साल से सेना की बहाली नहीं निकली है. ऐसे में तैयारी कर रहे युवा ओवरऐज होने के कारण जान गंवा रहे हैं. बता दें कि सेना में सिपाही पद के 17.5 से 21 साल तक की आयु निर्धारित है. तकनीकी और लिपिक पदों के लिए उम्रसीमा अलग है. हरियाणा में हर साल छह हजार युवा सेना में शामिल होते थे. लेकिन बीते तीन साल से बहाली नहीं निकलने से तैयारी कर रहे युवा परेशान है.
यह भी पढ़ेंः लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे आज संभालेंगे नए सेना प्रमुख का कार्यभार
सेना की तैयारी करने वाले कई युवाओं ने बातचीत में बताया कि हमलोगों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है. बहाली कब निकलेगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है. थक हार कर हमलोग तैयारी किए जा रहे हैं. पवन की खुदकुशी पर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने ट्विट करते सरकार पर तंज कसा कि तीन साल से रुकी आर्मी रैली के कारण आयु सीमा से बाहर हो रहे युवाओं को अवसाद तोड़ रहा है. इन मेहनतकश युवाओं की गुहार सरकार आखिर कब सुनेगी?