घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि हाल के दिनों में सुर्खियों में आए एसडीएम आरएस बघेल ने स्टेशनगंज थाना क्षेत्र में क्लीनिक चला रहे एक डॉक्टर को पुलिस वाहन में स्टेशनगंज थाने भिजवा दिया। इतना ही नहीं उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश भी दिया। इसकी जानकारी जैसे ही जिले के अन्य डॉक्टरों को हुई तो उन्होंने कलेक्टर से संपर्क कर घटनाक्रम की जानकारी दी। बाद में कलेक्टर वेदप्रकाश के हस्तक्षेप से डॉक्टर को थाने से घर भिजवाया गया।
बताया जा रहा है कि नरसिंहपुर एसडीएम आरएस बघेल मंगलवार को नगर भ्रमण करने के दौरान स्टेशनगंज क्षेत्र पहुंचे तो पाया कि डॉ. हेमंत लालवानी अपनी क्लीनिक में मरीजों की जांच कर रहे हैं। कुछ मरीज क्लीनिक के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। इसे देख अधिकारी भड़क गए और डॉक्टर को बाहर बुलाकर उन्हें निरीक्षक नंदलाल धुर्वे के साथ पुलिस वाहन में बैठाकर स्टेशनगंज थाना भिजवा दिया। साथ ही निर्देश दिए कि इनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। डॉक्टर को थाना पहुंचाए जाने की बात जब जिला अस्पताल तक पहुंची तो वहां डॉक्टरों ने घटना पर रोष जताते हुए सिविल सर्जन डॉ. अनिता अग्रवाल को जानकारी दी। सिविल सर्जन के माध्यम से जब बात कलेक्टर तक पहुंची तो कलेक्टर ने मामले को संभाला।
जानकारी के मुताबिक इससे पूर्व मंगलवार की रात एसडीएम आरएस बघेल पुलिस बल के साथ जिला मुख्यालय के मुख्य मार्ग पर पैदल मार्च पर निकले थे। इसी दौरान कैलाश मेडीकोज के पास रहने वाले बुर्जुग राजेंद्र जैन के एक घर-दुकान का आधा शटर आधा खुला था। जैन परिवार की बेटी सामने दवाई लेने गई हुई थी। भ्रमण के दौरान एसडीएम ने आधी शटर खुली देखी तो घर के लोगों को बाहर बुलवाया और गालियां बकना शुरू कर दिया। बुजुर्ग राजेंद्र एवं उनके बेटे आकाश ने अधिकारी को शटर खुलने की वजह बतानी चाही लेकिन अधिकारी ने उनकी एक न सुनी। वह लगातार न केवल गालियां देते रहे बल्कि मारपीट भी कर दी। इस बीच पीड़ित स्वजन कहते रहे कि उनके घर का यही निकासी और प्रवेश द्वार है। लेकिन उन्होंने अपने पद की गरिमा को ताख पर रखते हुए गालियां बकना जारी रखा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वह यह कहते सुने गए कि तुम्हारे जैसे लोगों की वजह से ही परेशानी हो रही है। इस बीच किसी ने पूरी घटना का वीडियो बनाया कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वायरल वीडियो ने लोगों के बीच एसडीएम की बहुत किरकिरी हुई। लोग उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कलेक्टर ने पूरे प्रकरण की जांच एडीएम मनोज ठाकुर को सौंप दी है। वहीं बुधवार को घटना से पीड़ित व्यापारी के अलावा पार्श्वनाथ दिगंबर जैन समाज कंदेली की ओर से भी एक ज्ञापन कलेक्टर के नाम दिया गया है। इसमें एसडीएम द्वारा बुर्जुग व्यापारी राजेंद्र जैन व उनके पुत्र को अधिकारी द्वारा गालियां देने के साथ ही मारपीट करने और उसके बाद दुकान सील करने की कार्रवाई की निंदा की गई है। अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
इस मामले में पीड़ित व्यापारी राजेंद्र जैन, आकाश जैन सहित युकां नेता रोहित पटेल, ईशान राय, अंकुर बटरी आदि ने कलेक्ट्रेट जाकर ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए एसडीएम राधेश्याम बघेल को लोकसेवा के विपरीत आचरण के लिए दंडित करते हुए पद से हटाने की मांग की गई है। वहीं श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर कंदेली की ओर से दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि जैन समाज हमेशा से ही प्रशासन को सहयोग करता है। लेकिन 4 मई की रात हुई घटना प्रशासन की असंवेदनशीलता और अत्याचार को दर्शाती है। समाज के बुर्जुग राजेंद्र जैन जो क्षय रोग से पीड़ित है उनके व उनके बेटे आकाश को एसडीएम ने गालियां बकीं, डंडे से मारपीट की। दुकान भी सील कर दी। जिससे पूरे परिवार का घर से निकलना बंद हो गया है।
“दुकान की शटर खुली थी तो वहां कार्रवाई की। मुझे तो अभी तक वायरल वीडियो देखने भी नहीं मिला। मैने गालियां नहीं बकीं हैं, पूरे मामले को आगे-पीछे भी देखना चाहिए। इस मामले में मुझे ज्यादा कुछ नहीं कहना है।”-आरएस बघेल, एसडीएम नरसिंहपुर
“मामला संज्ञान में आया है, इसमें आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। एडीएम मनोज ठाकुर को मामले की जांच सौंपी गई है।”-वेदप्रकाश, कलेक्टर नरसिंहपुर