ओशो प्रेमियों के लिए बनाया ओशो विलेज मेडीटेशन रिट्रीट
सोशल प्राइड- जिले के करेली के जोवा गांव में ओशो मित्रों, साधकों,संन्यासियों और ध्यानियों के लिए एक ऊर्जावान , वृहद एवं प्रकृति से परिपूर्ण ध्यान केंद्र बनाया गया है। जिसका ओशो संन्यासियों की मौजूदगी में लोकार्पण किया गया है।
Osho Village Meditation Retreat jova kareli narsinghpur
नरसिंहपुर. जिले के करेली के जोवा गांव में ओशो मित्रों, साधकों,संन्यासियों और ध्यानियों के लिए एक ऊर्जावान , वृहद एवं प्रकृति से परिपूर्ण ध्यान केंद्र बनाया गया है। जिसका ओशो संन्यासियों की मौजूदगी में लोकार्पण किया गया है। ओशो अनुयायी स्वामी आनंद स्वराज विश्वास परिहार ने अपनी निजी जमीन में इसका निर्माण कराया है। बताया जा रहा है कि महाकोशल क्षेत्र में अभी तक इस तरह का यह अद्धितीय ओशो ध्यान केंद्र है। इसका नाम रखा गया है ओशो विलेज मेडीटेशन रिट्रीट। प्राकृतिक परिवेश में बनाए गए इस ध्यान केंद्र में चारों ओर विशाल वृक्ष , सरोवर के अलावा अन्य प्राकृतिक नजारे हैं। ओशो के जन्मदिवस पर ओशो विलेज मेडीटेशन रिट्रीट में कोविड 19 के प्रोटोकाल के पालन के बीच यहां ध्यान व अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए।स्वामी ध्यान विद्रोही दीपक श्रीवास्तव कहते हैं यह एक नवीन परिवर्तन का प्रारंभ है, इसका बीजारोपण कैसे हुआ ! यह कतई भी महत्वपूर्ण नहीं है,सुंदर बात तो यह है कि ओशो मित्रों , साधकों एसन्यासियों और ध्यानियों के लिए एक ऊर्जावान एवृहद एवं प्रकृति से परिपूर्ण ध्यान केंद्र करेली तहसील के एक सुन्दर से ग्राम जोवा में मिल गया है। बीते 6 वर्ष से स्वामी आनंद स्वराज विश्वास परिहार ओशो के रंग में ऐसे रंगे कि अस्तित्व ने उनके माध्यम से ओशो प्रेमियों के लिए ध्यान और साधना हेतु एक सुन्दर उपवन का अद्भुत संसार रचवा दिया ! जी हां! जोवा में रचित यह ध्यान केंद्र भविष्य में ध्यान और मौन कि ओशोनिक प्रयोगशाला सिद्ध होगा। जीवंत और खूबसूरत विशाल पेड़ो के बीचों बीच बहुत बड़ा ध्यान मंदिर स्वत: ही आपको शब्द .से .नि:शब्द कि यात्रा पर अग्रसर कर देगा । चारों और फैले विशालकाय पेड़! आपको अपने आलिंगन में समाहित करने को आतुर नजऱ आएंगे
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