नरसिंहपुर

डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने पुण्य सलिला में किया तिल स्नान

तधारा सहित बरमान के रेतघाट मेला स्थल, सीढ़ी घाट पर श्रद्धालुओं के नहाने और आने-जाने का क्रम अभी बना है। जिले के प्रमुख घाटों पर मंगलवार को दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ ही नर्मदे हर के जयघोष, भजन-संकीर्तन, पारंपरिक बंबुलियों की टेर गूंजती रही। बरमान-सतधारा क्षेत्र में सागर, दमोह, रायसेन, ङ्क्षछदवाड़ा जिलो के अलावा जिले के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग पर्व की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे।

नरसिंहपुरJan 15, 2025 / 06:39 pm

brajesh tiwari

रङ्क्षसहपुर. धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूमधाम के बीच मंगलवार को मकर संक्रांति के पर्व पर जिले के सबसे बड़े तीर्थ क्षेत्र बरमान-सतधारा में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने तिल स्नान किया। मौसम विपरीत होने के बाद भी यहां पर्व की डुबकी लगाने श्रद्धालुओं के बरमान घाट आने का क्रम दो दिन पूर्व से ही शुरू हो गया था जो मंगलवार की देर शाम तक बना रहा। सतधारा सहित बरमान के रेतघाट मेला स्थल, सीढ़ी घाट पर श्रद्धालुओं के नहाने और आने-जाने का क्रम अभी बना है। जिले के प्रमुख घाटों पर मंगलवार को दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ ही नर्मदे हर के जयघोष, भजन-संकीर्तन, पारंपरिक बंबुलियों की टेर गूंजती रही। बरमान-सतधारा क्षेत्र में सागर, दमोह, रायसेन, ङ्क्षछदवाड़ा जिलो के अलावा जिले के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग पर्व की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे। यहां एक-दो दिन पूर्व से आए श्रद्धालुओं ने घाटों के आसपास मंदिरों, धर्मशालाओं से लेकर अन्य सार्वजनिक स्थानों पर डेरा जमा लिया था जिससे संक्रांति की सुबह होते ही घाटों पर स्नान का दौर शुरू हो गया। कड़ाके की सर्दी में भी श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह के आगे मौसम बेअसर रहा। छोटे बच्चों, बुजुर्गो, महिलाओं-युवा वर्ग ने भी गर्म कपड़ों को किनारे पर रख पहले डुबकी लगाई, पूजन किया फिर उसके बाद ठंड से कंापते हुए घाटों पर पिकनिक मनाई, मेले का आनंद लिया।
नहाने के दौरान कहीं कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए नर्मदा में मंगलवार की तड़के से ही होमगार्ड, एसडीआरएफ की टीम ने इंजन बोट के जरिए पेट्रोङ्क्षलग शुरू कर दी थी जो देर शाम तक चलती रही। वहीं स्थानीय जो नौकाएं श्रद्धालुओं के लिए चलतीं रहीं उनमें भी लाइप जैकिट रखवाई गईं थीं। माइक से पेट्रोङ्क्षलग के जरिए होमगार्ड, पुलिस के जवान लोगों को गहरे पानी में न जाने, स्नान के बाद घाट से दूर जाने और अपने सामान की सुरक्षा के लिए सतर्क करते रहे।
दोपहर में बढ़ी भीड़
सुबह करीब 10 बजे के बाद जैसे ही कोहरे की धुंध छटी तो लोगों की आवाजाही अचानक से बढ़ गई। हालत यह रही कि सीढ़ी घाट पर स्नान के लिए पहुंचने भी लोगों को इंतजार करना पड़ा। घाट तक जाने वाले रोड पर भी भीड़ का दबाब अधिक हो गया। यह क्रम शाम तक बना रहा।

युवाओं में देखी गई सेल्फी लेने की होड़
दोस्तों, परिवार के साथ नर्मदा तट पहुंचे युवाओं में नर्मदा स्नान से लेकर पिकनिक मनाने और मंदिरों में दर्शन करने, मेला घूमने की सेल्फी लेने होड़ रही। सुबह से शाम तक मोबाइल से सेल्फी ली ताकि अपनी यात्रा को यादगार बना सकें। वहीं नर्मदा के चिनकी, महादेव पिपरिया घाट, झिरना कुंड में भी बड़ी संख्या में लोगों ने स्नान कर पूजन किया।

वाहनों की रोकी आवाजाही
पुलिस का अमला बरमान कला और बरमान खुर्द तरफ के दोनों रोड पर रात से ही सक्रिय हो गया था। बरमान चौकी के सामने ही बेरीकेड लगाकर अधिकांश वाहनों को स्कूल मैदान में भेजा गया। वहीं कुछ वाहनों को रेस्ट हाउस रोड के जरिए कॉलेज मैदान में रूकवाया गया। रेस्ट हाउस तिराहा और कॉलेज के सामने बेरीकेड लगाकर लोगों को पैदल ही घाट तक जाने की अनुमति रही। जिससे जाम की समस्या न बने। वहीं हाइवे पर भी पुलिस तैनात रही, सतधारा के पुराने पुल से बड़े वाहनों की आवाजाही बंद रही। अधिकांश वाहन नए पुल के आसपास एवं पुराने पुल जाने वाले रोड पर पंप के पास खड़े रहे।

पंडालों में जारी रही कथा-अनुष्ठान
श्रद्धालुओं ने घाटों पर लगे पंडालों में बैठकर कथा-अनुष्ठान कराए। नर्मदा परिक्रमावासियों, भिक्षुओं को खिचड़ी, लड्डू, अन्न, फल आदि सामग्री दान की। वहीं पंडालों के आसपास ही भर्त, बाटी बनाकर भोजन किया, इसके बाद मेले में जाकर खरीदी की।
&बरमान क्षेत्र में नर्मदा के सभी तटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ बनी हुई है। सुरक्षा में करीब 350 जवान, 32 सीसीटीवी कैमरे व होमगार्ड-एसडीआरएफ की टीम लगी है। करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं के स्नान का अनुमान है। लगातार निगरानी चल रही है जिससे शांति व्यवस्था बनी रहे।
संदीप भूरिया, एएसपी नरङ्क्षसहपुर

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