पैर पसार रहा संक्रमण, गंगई में 8 मरीज मिले, जांच में जुटा अमला
जिले में बारिश की निरंतरता में कमी, स्वच्छता की अनेदखी और मौसम में आ रहे बदलाव से संक्रमित बीमारियां तेजी से बढ़ रहीं हैं। डेेंगू के लगातार बढ़ते मरीजों से प्रभावितों का आंकड़ा जहां करीब ३५० तक पहुंच रहा है वहीं मलेरिया रोगियों की संख्या भी करीब ६२ हो गई है। वहीं स्क्रब टायफस के अब तक १४ मरीज मिल चुके हैं। डेंगू-मलेरिया जहां स्वच्छता में कमी की वजह से फैल रहा है वहीं स्क्रब टायसफ का संक्रमण बढऩे की वजह जलभराव वाले स्थानों से आबादी वाले स्थानों पर आ रहे चूहों के जुएं बन रहे हैं। जो लोगों को बीमार बना रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का यह दावा तो कर रहा है कि डेंगू-मलेरिया नियंत्रण में हैं लेकिन लोगों को सतर्क भी कर रहा है कि मौसम को देखते हुए अभी संक्रमित बीमारियों का खतरा टला नहीं है इसलिए रोग से बचने सावधानी व स्वच्छता जरूरी है।
मौसम का असर : जिले में डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टायफस के बाद अब गलसुआ से पीडि़त मिले
नरसिंहपुर. जिले में डेंगू, मलेरिया और स्क्रब टायफस के बाद अब बदलते मौसम में गलसुआ रोग अर्थात मंप्स का संक्रमण बढ़ रहा है। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम गंगई में अब तक इस संक्रमण से प्रभावित करीब ८ मरीज सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में न केवल विभाग की मैदानी टीम को सक्रिय कर दिया है, बल्कि विशेषज्ञों ने भी गांव जाकर प्रभावितों की जांच की है।
जिले में बारिश की निरंतरता में कमी, स्वच्छता की अनेदखी और मौसम में आ रहे बदलाव से संक्रमित बीमारियां तेजी से बढ़ रहीं हैं। डेेंगू के लगातार बढ़ते मरीजों से प्रभावितों का आंकड़ा जहां करीब ३५० तक पहुंच रहा है वहीं मलेरिया रोगियों की संख्या भी करीब ६२ हो गई है। वहीं स्क्रब टायफस के अब तक १४ मरीज मिल चुके हैं। डेंगू-मलेरिया जहां स्वच्छता में कमी की वजह से फैल रहा है वहीं स्क्रब टायसफ का संक्रमण बढऩे की वजह जलभराव वाले स्थानों से आबादी वाले स्थानों पर आ रहे चूहों के जुएं बन रहे हैं। जो लोगों को बीमार बना रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का यह दावा तो कर रहा है कि डेंगू-मलेरिया नियंत्रण में हैं लेकिन लोगों को सतर्क भी कर रहा है कि मौसम को देखते हुए अभी संक्रमित बीमारियों का खतरा टला नहीं है इसलिए रोग से बचने सावधानी व स्वच्छता जरूरी है।
पहले एक मरीज मिला फिर बढ़ा संक्रमण
गंगई गांव में गलसुआ का संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि पहले यहां एक मरीज मिला था उसके बाद अब तक करीब ८ मरीज सामने आ चुके हैं। जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. गुलाब खातरकर ने बताया कि कलेक्टर शीतला पटले व सीएमएचओ डॉ. एपी ङ्क्षसह के मार्गदर्शन में संक्रमण की सूचना मिलते ही बीएमओ डॉ. कमलेश ठाकुर, डॉ. प्रणव सेन्डे, टेक्नीशियन सुनील, एएनएम, आशा सहयोगी और टीम ने नियंत्रण उपायों को लागू किया है। पीडि़तों की जांच करते हुए उनके संपक
गला, कान व ग्रंथियों को प्रभावित करता
है संक्रमण
विशेषज्ञों के अनुसार गलसुआ संक्रमण गला, कान, ग्रंथियों को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और ग्रंथियों में सूजन, थकान, गले में दर्द,भोजन निगलने में कठिनाई आदि प्रमुख लक्षण हैं। यह एक वायरस है जो वायरस के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने-छींकने से भी दूसरा व्यक्ति प्रभावित हो सकता है। समय पर इलाज और टीकाकरण से इससे बचाव हो सकता है। इसलिए इस तरह के लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सक से जांच कराएंर्। में आए लोगों की पहचान की है। आइइसी गतिविधियों को शुरू करा दिया गया है।
&डेंगू पर नियंत्रण है, मरीज ठीक भी हो रहे हैं और नए मरीज मिल भी रहे हैं। स्क्रब टायफस के अभी तक १४ मरीज मिल चुके हैं। गंगई में गलसुआ का संक्रमण होने से वहां टीम ने जांच की है।
डॉ. गुलाब खातरकर, जिला महामारी विशेषज्ञ नरसिंहपुर
&मलेरिया के सबसे ज्यादा मरीज चीचली ग्रामीण क्षेत्र में मिले हैं। हालांकि वह ठीक हो रहे हैं, सब पर नजर रखे हैं। बदलते मौसम में रोग से बचाव के लिए स्वच्छता व सावधानी बेहद जरूरी है।
डॉ. राजकिशोर पटेल, जिला मलेरिया अधिकारी नरसिंहपुर
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