कौंडिय़ा और महू गांव में लोग शैतान बंदरो के आतंक से परेशान हैं, खुल में कोई खाद्य सामग्री नहीं रख सकते, ये शैतान बंदर खाने की सामग्री के अलावा फसलों को भी पहुंचाते हैं नुकसान
नरसिंहपुर/गाडरवारा। कौंडिय़ा और महू गांव के ग्रामीण इन दिनों शैतान बंदरों से परेशान हैं। परेशानी का यह आलम है कि ग्रामीण खुले में कोई भी खाद्य सामग्री नहीं रख सकते। इसके अलावा ये बंदर किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। बार-बार शिकायत करने के बाद वन विभाग ने इन शैतान बंदरों को पकडऩे के लिए मथुरा से टीम बुलाई। रेस्क्यू करके कुछ बंदरों को पकड़ा गया। बाद में इन्हें जंगल में छोड़ दिया गया।
रेंजर अमित सोनी ने बताया कि महू और कोंडिय़ा गांव के ग्रामीण बंदरों से परेशान थे। इसलिए मथुरा से बंदर पकडऩे के लिए टीम बुलाई गई। नौ से 19 अप्रेल तक 16 व्यस्क बंदरों के साथ तीन बच्चे पकड़े गए हैं। बाद में इन्हें भैंसा बुधनी के समीप जंगल में छोड़ दिया गया है। इस कार्रवाई के दौरान डिप्टी रेंजर अरविंद जोशी, विवेक तिवारी, ब्रज किशोर ठाकुर, वन रक्षक घनश्याम श्रीवास सहित मथुरा की टीम शामिल रही।
तोड़ रहे थे छप्पर
वन विभाग ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान बंदरों ने कौंडिय़ा गांव में किया है। यहां बंदरों ने कच्चे मकान के छप्परों तक को तोड़ दिया है। इसके अलाव ये बंदर घरों में फैले कपड़े भी उठाकर ले जाते थे। बंदरों के पकड़े जाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
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