तीन सौ से ज्यादा मौतों के बाद अब जिले में 42 स्वास्थ्य केंद्र खोलने की तैयारी
कोरोना की दूसरी मौत रूपी लहर जिले में 300 से ज्यादा लोगों को लील गई। अब लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए मंथन चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और ज्यादा उपलब्ध कराने के लिए 42 स्वास्थ्य केंद्र खोलने की तैयारी की गई है। शासन को इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भी भेजी जा रही है।
नरसिंहपुर. कोरोना की दूसरी मौत रूपी लहर जिले में 300 से ज्यादा लोगों को लील गई। अब लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए मंथन चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और ज्यादा उपलब्ध कराने के लिए 42 स्वास्थ्य केंद्र खोलने की तैयारी की गई है। शासन को इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भी भेजी जा रही है। माना जा रहा है कि नए स्वास्थ्य केंद्र खुलने के बाद लोगों को अपने गांव के नजदीक ही स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी और उन्हें जिला मुख्यालय नहीं आना पड़ेगा। प्राथमिक रूप से लोगों को उपचार प्रदान करने में ये केंद्र काफी सहायक होंगे। ये केंद्र आबादी के अनुपात के हिसाब से खोले जाएंगे, पांच हजार की आबादी के अनुपात में एक उप स्वास्थ्य केंद्र खोला जाएगा।
तीन चरणों में शुरू होंगे स्वास्थ्य केंद्र
जिले में जो नए ४२ स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने हैं वे क्रमबद्ध रूप से तीन चरणों में शुरू किए जाएंगे। इन केंद्रों के लिए आवश्यक भवन, चिकित्सा उपकरण, डॉक्टर व आवश्यक स्टाफ की व्यवस्था की जाएगी। जानकारी के अनुसार ४२ नए स्वास्थ्य केंद्र खोलने में तीन साल का समय लग सकता है। ४२ स्वास्थ्य केंद्रों में से ९ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होंगे जबकि शेष उप स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर व ४ से ५ लोगों के सहायक स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी जबकि उप स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन एएनएम के हवाले होगा।
अनुपयोगी साबित हो रहे पहले बनाए गए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
एक ओर शासन जहां नए स्वास्थ्य केंद्र खोलने की तैयारी कर रही है वहीं पहले से बनाए गए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टरों व जरूरी स्टाफ की कमी की वजह से अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। लाखों रुपए की लागत से बनाए गए ३० बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुरपा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजमार्ग रौंसरा और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिहोरा इस कोरोना काल में भी मरीजों के काम नहीं आ सके। न केवल कोरोना काल में बल्कि शेष सामान्य दिनों में भी ये मरीजों को जरूरी प्रारंभिक उपचार देने लायक भी नहीं थे। जिसका सबसे बड़ा कारण यहां डॉक्टरों की नियुक्ति न होना है। नियमानुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेंकम से कम तीन क्लास वन डॉक्टर, क्लास टू डॉक्टरों की पदस्थापना होनी चाहिए इसके अलावा वार्ड बॉय व कंपाउंडर भी नियुक्त होने चाहिए पर इनमें से किसी भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जरूरी संख्या में डॉक्टर व स्टाफ नहीं है। शासन ने इन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के भवन सर्वसुविधायुक्त बनवाए हैं पर ये केवल खाली इमारत साबित हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार एक ओर जहां ये भवन डॉक्टर विहीन हैं वहीं इनका निर्माण भी बस्ती से दूर ऐसी जगह पर किया गया है कि मरीज छोटी मोटी तकलीफ के उपचार के लिए वहां जाने से बचता है। सिहोरा और राजमार्ग रौंसरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की यही स्थिति है।
जिले में क्लास वन डॉक्टरों के ३० पद खाली
नए स्वास्थ्य केंद्र खोलने की कवायद के बीच जिले में क्लास वन डॉक्टरों के ३५ में से ३० पद खाली हैं। बड़ी संख्या में डॉक्टरों के पद खाली होने से पहले से ही स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं बहुत अच्छी हालत में नहीं हैं जिसका लाभ यहां के निजी अस्पताल उठा रहे हैं। इन हालातों में यदि यहां ४२ नए स्वास्थ्य केंद्र खोलने से पहले डॉक्टरों के खाली पद नहीं भरे जाते तो मरीजों को लाभ मिलने की उम्मीद कम ही की जाती है।
वर्जन
जिले में नए ४२ स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने हैं इसके लिए शासन ने जानकारी मांगी है, हर साल करीब १४ स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे तीन साल में ४२ स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने की योजना है। इससे जिले में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार होगा और लोगों को अपने गांव के नजदीक स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
डॉ.मुकेश जैन, सीएमएचओ
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