दरअसल भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का रचयिता माना जाता है। इसलिए सभी निर्माण संस्थानों और औद्योगिक समूहों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। उद्योग जगत से जुड़े लोग भगवान विश्वकर्मा की जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। शास्त्रों के मुताबिक हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है। भगवान विश्वकर्मा ने ही सृष्टि का निर्माण किया। इंजीनियर्स भी भगवान विश्वकर्मा को अपने देवता के रूप में मनाते हैं। इस दौरान औजारों, मशीनों, कंप्यूटर, संयंत्र और मशीनरी की पूजा की जाती है । उद्योगों की तरक्की के लिए भगवान विश्वकर्मा को ही जिम्मेदार माना जाता है, उद्योग जगत में भगवान विश्वकर्मा को बड़ी मान्यता मिली हुई है।
कहा जाता है कि सृष्टि रचयता भगवान विश्वकर्मा ने ही रावण की सोने की लंका बनवाई थी, उनकी उत्कृष्ट कलाकारी और निर्माण के लिए सभी इंजीनियर भगवान विश्वकर्मा को अपने देवता के रूप में मनाते हैं।
भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए हवन यज्ञ करना अनिवार्य माना जाता है। इस दौरान भगवान के विशेष मंत्रों से उनकी पूजा अर्चना की जाती है। इस दौरान यंत्रों औजारों पर जल आदि छिड़क कर विधिवत हवन किया जाता है। इससे भगवान विश्वकर्मा खुश होते हैं और उद्योग-धंधे में तरक्की का वरदान देते हैं।