इधर तवा बांध (tawa dam) के सभी तेरह गेट खोल दिए गए हैं। 13 गेटों को 15-15 फिट की ऊंचाई पर खोला गया है। डेम से 304512 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। वर्तमान में डेम का जलस्तर 1163.20 फीट है।
इधर सुखतवा नदी (SUKHTAWA RIVER) पर बने पुल पर पानी आ गया है जिससे हाईवे से आवागमन बंद हो गया है। नर्मदापुरम से पिपरिया जाने वाले रास्ते पर हाथ वास (hathwas bridge) का पुल भारी बारिश से टूट गया है इस रास्ते से भी यातायात बंद हो गया है।
नर्मदापुरम में पिछले सप्ताह 15 और 16 अगस्त को भारी बारिश हुई थी। तवा, बारना और बरगी के पानी से सेठानी घाट पर अलार्म लेवल से ढाई फीट ऊपर पानी पहुंच गया था। 4 दिन बारिश थमे रहने के बाद 20 अगस्त की शाम को मानसून लौट आया। जिले में शनिवार शाम से बारिश हो रहीं है। तवा गवर्निंग लेवल 31 अगस्त तक 1163 फीट है। वर्तमान में 1163.20 फीट जलस्तर है। अधिक बारिश की संभावना को देखते हुए तवा के डैम गेट 13 गेट 15 फीट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। ताकि बरगी का पानी आने से पहले तवा का नर्मदापुरम से आगे पहुंच जाएं।
पचमढ़ी में 6 और नर्मदापुरम में 4 इंच
बारिश नर्मदापुरम जिले में पिछले 24 घंटे में औसत 4 इंच बारिश दर्ज की गई। जिले में सबसे ज्यादा पचमढ़ी में करीब 6 इंच बारिश हुई है। नर्मदापुरम ,इटारसी, सोहागपुर, पिपरिया, बनखेड़ी करीब 4 इंच और सिवनी मालवा में 2 इंच बारिश हुई।
स्कूलों में छुट्टी
बारिश का सिस्टम एक्टिव होने से नर्मदापुरम में दो दिनों से बारिश हो रहीं है। नर्मदापुरम में रविवार शाम से जारी तेज बारिश की झड़ी सोमवार को भी जारी रही। 4 इंच बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश ने की चिंता बढ़ा दी। परिजन स्कूलों की छुट्टी को लेकर रास्ता देखते रहे। जिला प्रशासन ने सोमवार सुबह अचानक स्कूलों की छुट्टी के आदेश जारी किए। बारिश के चलते नदी नाले उफान पर आ गए। सुखतवा में नदी के पुल पर पानी आने से औबेदुल्लागंज- बैतूल नेशनल हाईवे (obedullaganj -betul national high way) बंद हो गया। सुबह 4 बजे से हाईवे बंद है। जिससे वाहनों की लंबी कतार लगी है।
नर्मदा में बने बाढ़ के हालात
तवा और बारना डैम के पानी से सेठानी घाट पर 17 घंटे में 6.4फीट पानी बढ़ा गया। शाम 5 बजे 949 फीट नर्मदा का जलस्तर था। सोमवार 8 बजे जलस्तर 953.40 फीट और 10 बजे 955.50 फीट हो गया। डेंजर अलार्म लेवल से 8.5 फीट नीचे नर्मदा बह रहीं है। बरगी डैम के रविवार सुबह से 11 गेट खुले थे, रात में 17 गेट 2.03 मीटर तक कर दिए गए। नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से शहर के निचले इलाकों में पानी मर गया है जिससे बाढ़ के हालात निर्मित हो रहे हैं।