नर्मदापुरम जिले के पिपरिया में शिक्षा विभाग में ऐरियर्स की राशि में गड़बड़ी की गई है। कर्मचारियों के एरियर और बच्चों की स्कॉलरशिप की राशि का दूसरे खातों में भुगतान कर दिया गया। कर्मचारियों के एरियर जमा करने के नाम पर चल रहा फर्जीवाड़ा सामने आते ही वित्त विभाग ने कई बैंक खाते होल्ड करा दिए।
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स्कालरशिप, एरियर्स राशि के गबन मामले में अब कम्प्यूटर ऑपरेटर कमलेश अहिरवार को हटा दिया गया है। मामला उजागर होते ही बीईओ एसएल रघुवंशी ने उसे काम पर आने से मना कर दिया था।
गबन के इस मामले की जांच करने ट्रेजरी की तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई है। जिला ट्रेजरी अधिकारी नीतेश उइके सहित जांच टीम जांच के लिए बीईओ ऑफिस पहुंची। जांच अधिकारियों ने कई घंटों तक दस्तावेज खंगाले। गड़बड़ी से संबंधी दस्तावेजों को गहराई से जांचा। जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि राशि सही खातों में डाली गई लेकिन नाम, सरनेम या पति-पत्नी, बच्चों के ज्वाइंट खाता होने के कारण वे शक के दायरे में आ गए हैं।
छात्रों की स्कॉलरशिप और शिक्षकों की एरियर्स की राशि को दूसरों के खातों में डालने का यह काम विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पिपरिया डीडीओ कोड से किया गया। कोष एवं लेखा विभाग के कोषालयीन सर्वर आईएफएमआईसी IFMIC ने इस गड़बड़ी को पकड़ा तो तुरंत नर्मदापुरम जिला कोषालय अधिकारी को अवगत कराते हुए मामले की जांच के आदेश दिए। जिला कोषालय अधिकारी नितेश कुमार उईके ने तुरंत कदम उठाते हुए स्टेट बैंक के 11 और अन्य बैंकों के 12 कुल 23 खातों को होल्ड करा दिया।
गबन के इस मामले में बीईओ कार्यालय के वित्तीय शाखा के क्लर्क और कंप्यूटर ऑपरेटर पर संदेह है। कम्प्यूटर ऑपरेटर कमलेश अहिरवार को हटा दिया गया है। लाखों के गबन की आशंका है। ट्रेजरी की टीम भी मामले की जांच कर रही है। ट्रेजरी की जांच टीम 2018 से अब तक हुए भुगतान संबंधी दस्तावेज देख रही है।
सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए जारी की गई एरियर्स राशि में गबन के जिले में पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं। डोलरिया तहसील कार्यालय और सिवनी मालवा जनपद पंचायत में लाखों रुपए का गबन हो चुका है। यहां तक कि एसपी दफ्तर में भी ऐसी गड़बड़ी हो चुकी है। तीनों ही मामलों में कर्मचारियों की एरियर्स राशि के साथ ही सरकारी योजनाओं की राशि क्लर्क और लेखापालों ने डकार ली।