इस कैंप का संचालन शुरू होने से अबूझमाड़ इलाके के विकास में तेजी आएगी। जानकारी के अनुसार अबूझमाड़ इलाके में 80 के दशक में नक्सलियों ने अपनी पैठ मजबूत कर ली थी। इसलिए नक्सली संगठन अबूझमाड़ इलाके में माड डिवीजन का संचालन करता है। अबूझमाड़ इलाके में सड़क पुल पुलिया अभाव होने के चलते 80 फ़ीसदी क्षेत्र पहुंच विभिन्न बना हुआ है। इसलिए अबूझमाड़ इलाके में लाल लड़ाके अपनी गतिविधियों को आसानी से संचालित करते हैं।
वही सरकार की नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार के सभी योजनाओं की प्राथमिकता में आसपास के पांच गांवों तक पहुंचाया जाएगा। एसपी प्रभात कुमार एवं रॉबिंसन गुड़िया ने स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर कैंप खुलवाया गया है। नवीन कैंप स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फाइटर एवं आइटीबीपी 53 सी वाहिनी की भूमिका रही है।
CG Naxals: नक्सलियों को बेकफुट पर भेजने तैयारी
अबूझमाड़ इलाके में नक्सलियों को बैक फुट धकेलना के लिए पुलिस ने कारगर कदम उठाया है। इसमें पुलिस ने जिला मुयालय से करीब 35 किलोमीटर दूर मोहन्दी में नारायणपुर पुलिस एवं आइटीबीपी 53 वी वाहिनी के द्वारा नवीन कैंप खोला गया है। कोहकामेटा2 थाना क्षेत्र के मोहन्दी में नवीन कैंप स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। मोहन्दी में नवीन कैंप स्थापित होने से आसपास के क्षेत्र में सड़क, पानी, पुल पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा, मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार एवं नक्सल उन्मूलन अभियान में तेजी आएगी।
CG Naxals Terror: घने जंगलों में जवान चला रहे सर्चिंग ऑपरेशन
नक्सलियों का खात्मा करने जवानों ने कार्रवाई तेज कर दी है। एक तरफ जो नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते है उनके लिए पुलिस अधिकारी बस्तर के इलाकों में जा-जाकर अभियान चला रहे है। पुलिस द्वारा अभियान चलाने से नक्सली प्रेरित होकर आत्मसमर्पण कर रहे है। वहीं कुछ आतंकी जंगलों में छिपकर उत्पात मचा रहे है। इन आतंकियों के लिए जवान घने जंगलों में सर्चिंग ऑपरेशन चला रहे है। बता दें कि 100 दिनों में जवानों ने मुठभेड़ में 105 आतंकियों को मार गिराया है। Surgical Strike In Bastar: बस्तर में सर्जिकल स्ट्राइक
बीते चार महीने में फोर्स ने अलग-अलग मुठभेड़ में 91 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। जो यह बताता है कि फोर्स अब बस्तर में गियर बदल चुकी है।
पिछले चार दशक में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं। बीते अप्रैल के महीने में ही 50 नक्सली मारे गए हैं।
जवानों की बड़ी सफलता
समूचे बस्तर में फोर्स के जवानों का मनोबल भी इस वक्त काफी ऊंचा है। कांकेर जिले के माड़ इलाके में बीते महीने 16 तारीख को हुई मुठभेड़ में जवानों ने 29 नक्सलियों को जब मार गिराया तो इसे फोर्स की सबसे बड़ी सफलता बताया गया। नारायणपुर जिले में मंगलवार को हुई मुठभेड़ में भी जवानों ने बेहद सुनियोजित तरीके से 10 नक्सलियों को मारा।
Chhattisgarh Naxals Encounter: नहीं बक्शे जाएंगे आतंकी
बीते चार महीने में फोर्स ने अलग-अलग मुठभेड़ में 91 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। जो यह बताता है कि फोर्स अब बस्तर में गियर बदल चुकी है। पिछले चार दशक में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं। बीते अप्रैल के महीने में ही 50 नक्सली मारे गए हैं।
Bastar Naxals Terror: जवानों का टारगेट नक्सलियों का खात्मा करना
बस्तर को आतंकी दहशत से मुक्त कावाने के लिए जवान एड़ी-चोटी की मेहनत कर रहे है। एक तरफ एम्बुंश चलाकर घात लगाए नक्सलियों को मुहतोड़ जवाब दे रहे है। वहीं हर इलाके में अभियान चलाकर माओवादियों की घर वापसी करवा रहे है। इससे प्रभावित होकर बहुत से माओवादियों से आतंक का साथ छोड़कर साधारण जीवन जीने के लिए आत्मसमर्पण कर लिया है।