नागौर

Nagaur patrika…जिले की सडक़ों पर रात में चलते-फिरते खतरा बने लावारिश श्वान

-रात्रि में प्रमुख मार्गों एवं आवासीय क्षेत्रों में श्वानों के बढ़ते झुण्ड से बढ़ी परेशानी, राह चलते पैदल राहगीर तक पर भी करने लगे हैं हमला-नगरपरिषद की ओर से रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाने से बिगड़ी स्थितिनागौर. जिले की सडक़ों पर लावारिश श्वानों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। मुख्य सडक़ों से लेकर […]

नागौरJan 15, 2025 / 09:49 pm

Sharad Shukla

-रात्रि में प्रमुख मार्गों एवं आवासीय क्षेत्रों में श्वानों के बढ़ते झुण्ड से बढ़ी परेशानी, राह चलते पैदल राहगीर तक पर भी करने लगे हैं हमला
-नगरपरिषद की ओर से रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाने से बिगड़ी स्थिति

नागौर. जिले की सडक़ों पर लावारिश श्वानों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। मुख्य सडक़ों से लेकर गली-मोहल्लों तक में श्वानों के झुंड दिखाई देते हैं। विशेषकर रात में इनका आतंक बढ़ जाता है। छोटे बच्चों के साथ ही राह चलते बाइक सवारों को यह काटने के लिए झपट पड़ते हैं। इसके कारण शहर में प्रतिदिन डॉग बाइट के सामने आ रहे हैं। नगर परिषद स्तर से श्वानों को पकडऩे और इस समस्या से निजात दिलाने के कोई प्रबंध नहीं है। इससे लोग परेशान हैं। जिससे लोगों में भय बना हुआ है।
शहर के यह हैं हालत
सडक़ों पर भटकते श्वानों को पकड़े जाने या रोकथाम के लिए जिम्मेदारों की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है। स्थिति यह है कि शहर के नया दरवाजा, इंदिरा कॉलोनी, गौरव पथ, नया दरवाजा से सूफी साहब की दरगाह, सूफी साहब की दरगाह से दिल्ली दरवाजा, नकासगेट से शिवबाड़ी, शिवबाड़ी से गांधी चौक, ए रोड, बी रोड, डोडी पीर शरीफ की दरगाह में श्वानों के झुण्ड हमेसा बने रहते हैं। खासकर रात्रि में श्वानों के चलते इन इलाकों में सफर करने से लोग बचने लगे हैं। हालात यह है कि रात में अगर कोई पैदल या बाइक-स्कूटी से जाता है, तो आवारा श्वान काटने के लिए दौड़ पड़ते हैं। ऐसे में श्वानों से बचने के चक्कर में कई बार बाइक अनियंत्रित होकर भी लोग घायल हो जाते हैं। अब जिम्मेदारों का कहना है कि जल्द ही आवारा श्वानों को पकडकऱ शहर से बाहर छोडऩे की कार्रवाई की जाएगी।
एक साथ पूरा झुण्ड करता है हमला..
नागौर शहर में नकासगेट से लेकर शिवबाड़ी, शिवबाड़ी से गांधी चौक एवं दिल्ली दरवाजा के साथ ही सूफी साहब की दरगाह की ओर जाने वाली रोड की हालत यह है कि गलती से भी कोई भूले-भटके रात में दो पहिया सवार निकल जाता है तो उसे एक-दो नहीं, बल्कि एक साथ 14-15 श्वान उसके पीछे पड़ जाते हैं। इसके चलते अकेले इन रोडों पर गत एक माह के अंतराल में 11 बाइक सवार जख्मी हो चुके हैं। स्थिति यह है कि बाइक के गिरते ही झुण्ड में मौजूद श्वान एक साथ उस पर झपटते हैं। इस दौरान संयोगवश कोई बचाने आ गया तो ठीक है, नहीं तो फिर भगवान ही मालिक है। श्वानों के हमले के शिकार हो चुके रमजान ने बताया कि वह भी इनके हमले में घायल हो चुका है, लेकिन संयोगवश इस दौरान अन्य वाहन सवारों के गुजरने के चलते उसकी चीख सुनकर उसे बचा लिया गया, नहीं तो फिर आगे का परिणाम सोचकर ही रूह कांप जाती है। इदरीस, जाकिर एवं इलियास भी श्वानों के हमले का शिकार हो चुके हैं।
गत माह में आए थे 253
जेएलएन में श्वानों के हमले के शिकार हुए गत माह 253 लोग आए थे। इस माह यानि की एक जनवरी से अब तक 91 लोग श्वानों के काटने से जख्मी होकर आ चुके हैं। जेएलएन हॉस्पिटल के वरिष्ठ सर्जन सुखराम बारूपाल ने बताया कि सामान्यत: एक दिन में सात-आठ लोग श्वानों के काटने से जख्मी होकर रोजाना अस्पताल पहुंचते हैं। कुछ इसमें गंभीर होते हैं तो उनको उनको रेबीज का सीरम लगाया जाता है, और जबकि सामान्य तौर पर काटे जाने की स्थिति में एंटीरेबीज इंजेक्शन लगाए जाते हैं। हॉस्पिटल में यह दोनो ही पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
एक्सपर्ट व्यू
जिला पशु अस्पताल प्रभारी डॉ. नरेन्द्र चौधरी ने बताया कि इसका कारण उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाना व ठंड से राहत का कोई विकल्प नहीं मिलता है। इसके अलावा वे ठंड से बचने की अपनी जगह व भोजन की सुरक्षा के लिए ज्यादा सतर्क हो जाते हैं, और खतरा महसूस होते ही हमला कर देते हैं। इसका सर्वाधिक शिकार छोटे बच्चे होते हैं। बच्चे डॉग बाइट का ज्यादा शिकार होते हैं। ऐसे में लोगो को भी ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। बाहर जाते समय यदि आवारा श्वान आपके पीछे भागे तो डरें नहीं, वहीं रुक जाएं। खासकर बच्चों को यह बात समझाना होगी। अपने आसपास के आवारा श्वानों को कुछ खाने का जरूर दें, ताकि वे भूखे न रहें, इससे वे आक्रामक नहीं होंगे।
पीडि़तों की जुबानी
केस नंबर एक
दिल्ली दरवाजा क्षेत्र में रात्रि में आठ बजे के बाद सफर करना मुश्किल हो जाता है। भूले-भटके कोई बाइक सवार आ जाता है तो उस पर पूरा झुण्ड हमला कर देता है। कुछ दिन पहले में भी बाइक से जा रहा था, तभी श्वानों ने हमला कर दिया था।
फारुख अहमद, नेहरू कॉलोनी
एक नंबर दो
सूफी साहब की दरगाह से लेकर दिल्ली दरवाजा तक जाने वाली रोड में तो रात में सफर करना खुद को खतरे में डालना है। इस रोड पर ऐसे कुत्ते हैं जो डरते नहीं, बल्कि हमला कर देते हैं। कुछ दिन पहले मैं भी अपने दोस्त के साथ बाइक से जा रहा था, तभी श्वानों का पूरा झुण्ड ही पीछे पड़ गया। बमुश्किल किसी तरह अपनी जान बचाई।
आवेश चौहान, बाजरवाड़ा
केस नंबर तीन
शहर के नकासगेट से लेकर शिवबाड़ी एरिया तक आप रात्रि में दस बजे के बाद सफर नहीं कर सकते हैं। यहां तो पूरे रास्तों में श्वानों के झुण्ड बैठे रहते हैं। अभी दस दिन पहले ही गुजरते समय श्वानों ने हमला कर दिया था। हम दो थे, इसलिए वहीं पड़ी ईटों के सहारे डर दिखाकर बच गए, नहीं तो मुश्किल हो जाती।
मोहिनदूद्दीन, माही दरवाजा
केस नंबर चार
मैं तो अपने परिचतों से यही कहता हूं कि रात में दस बजे के बाद गांधी चौक या दिल्ली दरवाजा क्षेत्र में सफर नहीं करें, क्यों इन रास्तों में 35-40 श्वानों का झुण्ड पूरे रास्ते फैला रहता है। गुजरने के दौरान यह साथ मिलकर झपटते हैं। पिछले माह ही बाइक से जाने के दौरान इनके हमला करने से गिर गया था। इस दौरान एक-दो वाहन सवारों के और जाने से बच गया।
पीर अहमद हुसैन फारुकी, मेजर करीम नगर
इनका कहना है…
आवारा श्वानों की धरपकड़ के लिए जल्द ही नगरपरिषद की ओर से आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
रामरतन चौधरी, आयुक्त, नगरपरिषद नागौर

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