सूत्रों के अनुसार पन्नालाल वर्तमान में रियांबड़ी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रहलाद राम के कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। हाल ही में मुख्यालय से जिला शिक्षा अधिकारी रामनिवास जांगिड़ ने अगले साल मार्च तक सेवानिवृत्त होने वाले 105 कर्मचारियों की सूची जारी की। खास बात यह कि इसमें पन्नालाल 38वें नंबर पर है, इसमें पन्नालाल के इसी बरस 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने का उल्लेख भी किया गया है। सूची 31 जनवरी को जारी की गई, बावजूद इसके शिक्षा विभाग के जिला मुखिया समेत रियांबड़ी के ब्लॉक मुखिया तक सोते रहे। ना तो इन्होंने सेवानिवृत्त कर्मचारी/अफसरों की सूची पर गौर फरमाया ना ही इस संबंध में मिली शिकायत को ध्यान से सुना। कई महीनों बाद जब शिकायत का दायरा बढ़ा तो फिर आनन-फानन में पोर्टल में दर्ज पन्नालाल के आईडी को हटवाया गया।
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ऐसे कैसे बन गई आईडी
सूत्र बताते हैं कि प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए पन्नालाल ने संविदा पर नौकरी की। ऐसे में उसकी आईडी बन ही नहीं सकती थी। बावजूद इसके फर्जी तरीके से उसकी आईडी बनी और पोर्टल में भी इसे एंट्री तक मिल गई। मजे की बात यह है कि जिले में किसी का इस पर ध्यान नहीं गया। फर्जी आईडी के जरिए पोर्टल में घुसपैठ करने की मंशा पर तो सवाल इसलिए भी उठे कि नौकरी को स्थाई करने के लिए उसने न्यायालय की भी शरण ले रखी है। पन्नालाल की आईडी बनाकर फायदे की साजिश आखिर रची किसने? विभाग के ही किसी कर्मचारी ने यह गड़बड़ी पकड़ी तो जैसे-तैसे पन्नालाल की आईडी पोर्टल से हटा दी गई, हालांकि इस फर्जीवाड़े के लिए किसी तरह की जांच नहीं बिठाई गई है।
सुस्ती से जाग हुई
सूत्रों का कहना है कि इस तरह की गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद विभाग के अफसरों में खलबली तो मच ही गई, सजग रहने को भी एक-दूसरे को ताकीद किया गया। असल में शिक्षा विभाग में संविदाकर्मियों की संख्या भी अच्छी-खासी है। कर्मचारियों के तबादले सहित रेकॉर्ड की अदला-बदली के अलावा मॉनिटरिंग का अभाव विभाग में और गड़बड़ी की आशंका जता रहा है। बताया जाता है कि मौखिक रूप से अलर्ट रहकर काम करने के साथ गड़बड़ी पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
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पन्नालाल प्लेसमेंट के जरिए लगा था, उसकी आईडी कैसे बनी, यह तो पता नहीं पर अब उसे हटा दिया गया है।
बस्तीराम सांगवा, एडीपीसी समग्र शिक्षा नागौर
इस बारे में मैं क्या बता सकता हूं, वो काम करता है। पूछना है तो मुख्यालय से पूछो, उनको ज्यादा पता है।
प्रहलाद राम, सीबीईओ रियांबड़ी
प्लेसमेंट के जरिए एक मार्च 2005 को लगा था, मुझे नहीं पता कि आईडी किसने बनाई, अब तो उसे हटा दिया गया है।
पन्नालाल, संविदाकर्मी, रियांबड़ी