… तो मुश्किल हो सकता है संक्रमण रोकना
दशहरा पर्व पर रावण दहन और आतिशबाजी को देखने हजारों की भीड़ उमड़ती है। ऐसे में कोविड-19 की गाइड लाइन की पालना होना मुश्किल है। न तो इतने लोगों की स्क्रीनिंग हो सकती है और न लोगों को इसमें आने से रोका जा सकता है। इससे संक्रमण को रोकना भी मुश्किल हो सकता है। लिहाजा भीड़ भरा आयोजन ही रोक दिया गया।
दशहरा पर्व पर रावण दहन और आतिशबाजी को देखने हजारों की भीड़ उमड़ती है। ऐसे में कोविड-19 की गाइड लाइन की पालना होना मुश्किल है। न तो इतने लोगों की स्क्रीनिंग हो सकती है और न लोगों को इसमें आने से रोका जा सकता है। इससे संक्रमण को रोकना भी मुश्किल हो सकता है। लिहाजा भीड़ भरा आयोजन ही रोक दिया गया।
सजती है राम सेना की झांकी
दशहरे पर शहर में राम सेना की झांकी सजाई जाती है। राम-लखन जानकी के साथ हनुमान और पूरी वानर सेना की शोभायात्रा निकलती है। शहर के विभिन्न हिस्सों से गुजरते हुए राम सेना स्टेडियम पहुंचती है, जहां राम-रावण में युद्ध होता है। युद्ध में श्रीराम के बाण से रावण धराशायी हो जाता है। इन दृश्यों को श्रद्धालु उल्लास से निहारते हैं।
दशहरे पर शहर में राम सेना की झांकी सजाई जाती है। राम-लखन जानकी के साथ हनुमान और पूरी वानर सेना की शोभायात्रा निकलती है। शहर के विभिन्न हिस्सों से गुजरते हुए राम सेना स्टेडियम पहुंचती है, जहां राम-रावण में युद्ध होता है। युद्ध में श्रीराम के बाण से रावण धराशायी हो जाता है। इन दृश्यों को श्रद्धालु उल्लास से निहारते हैं।
देखने लायक होती है आतिशबाजी
हर वर्ष नवरात्र में लोगों को दशहरा पर्व का इंतजार रहता है। रावण दहन के दौरान आतिशबाजी का नजारा देखने लायक होता है। रावण के पुतले पर सजने वाला मुकुट, तलवार, ढाल और अन्य अस्त्र-शस्त्र आतिशबाजी से भरे रहते हैं। आंखों से लाल ज्वाला और मुंह से चिंगारियां निकलने के नजारे भी देखने को मिलते हैं। लेकिन, इस बार न तो राम सेना की झांकी दिखेगी और न ही रावण दहन।
हर वर्ष नवरात्र में लोगों को दशहरा पर्व का इंतजार रहता है। रावण दहन के दौरान आतिशबाजी का नजारा देखने लायक होता है। रावण के पुतले पर सजने वाला मुकुट, तलवार, ढाल और अन्य अस्त्र-शस्त्र आतिशबाजी से भरे रहते हैं। आंखों से लाल ज्वाला और मुंह से चिंगारियां निकलने के नजारे भी देखने को मिलते हैं। लेकिन, इस बार न तो राम सेना की झांकी दिखेगी और न ही रावण दहन।
अभी तय नहीं है…
कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है इसलिए सामूहिक कार्यक्रमों पर रोक है। इस बार रावण दहन के कार्यक्रम की योजना तय नहीं है। इसके लिए कोई गाइड लाइन भी नहीं आई है।
– जोधाराम बिश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर
कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है इसलिए सामूहिक कार्यक्रमों पर रोक है। इस बार रावण दहन के कार्यक्रम की योजना तय नहीं है। इसके लिए कोई गाइड लाइन भी नहीं आई है।
– जोधाराम बिश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर