मेड़ता सिटी. (नागौर). हमेशा घोषित बंद कार्यक्रम में मोर्चा संभाले रहने वाले खाकी वर्दी के जवान शनिवार को मेड़ता में हुए बंद में बेमोर्चा रहे। क्योंकि बंद था ही पुलिस के समर्थन में। इस तरह से हमेशा आमजन की मदद में तत्पर रहने वाली पुलिस के लिए मेड़ता में पहली बार लोगों ने समर्थन के हाथ बढ़ाए। बाइक चोर की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में मेड़ता-मूंडवा थानाधिकारी के जिलाबदर एवं संबंधित पुलिसकर्मियों पर निलंबन कार्रवाई के विरोध में मेड़ता शहर के साथ मेड़ता रोड के बाजार बंद रहे। जिलेभर में लोगों ने पुलिस के समर्थन में ज्ञापन भी दिए। एक दिन पहले बैठक में सर्वसमाज की ओर से लिए गए मेड़ता बंद के निर्णय का शनिवार को भोर होते ही असर देखने को मिला। शहर की दुकानें नहीं खुली। सुबह सर्व समाज के लोग यहां चारभुजा चौक में एकत्रित हुए और प्रदर्शन भी किया। फिर पैदल मार्च के रूप में जहां कहीं दुकाने खुली थी वहां बंद करने के लिए रवाना हुए। सर्व समाज के लोगों ने दुकानदारों से अपील करके दुकाने बंद करवाई। इसके बाद मीरा स्मारक के सामने पूर्व विधायक सुखराम नेतड़िया, प्रधान संदीप चौधरी, उप जिला प्रमुख शोभाराम जयपाल, पांचाराम इंदावड़, लक्ष्मणराम कलरू, समाजसेवी सूरज भारती, पुखराज टाक, स्वर्णकार व्यापार मंडल अध्यक्ष धर्मीचंद सोनी, माणक सेन, मुक्तिलाल नागौरा, गणपत सिंह पीड़ियार, राजीव पुरोहित, रवि कमेड़िया, सुनील चौधरी, फौजी कानाराम, नवरतनमल सिंघवी, ताराचंद कच्छावा, जीशान अली, धर्माराम डेवाल, शिवदान मेघ, नारायण पारीक, कैलाश जांगिड़, विनोद भाटी, श्याम बोराणा सहित अलग-अलग व्यापार मंडल अध्यक्ष, विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी व सर्व समाज के लोगों की एक बैठक आयोजित हुई। निर्णय : सोमवार को आईजी-एसपी से मिलने की तैयारी
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आज यानी रविवार को भी शहर के बाजार बंद रहेंगे। वहीं अगले दिन सोमवार को एक शिष्ठमंडल अजमेर रेंज आईजी और नागौर जिला पुलिस अधीक्षक से इस मामले को लेकर मिलेंगे। पुलिस के उच्चाधिकारियों से मिलकर मेड़ता थानाधिकारी भजनलाल, मूंडवा थानाधिकारी रोशनलाल सामरिया का जिले से बाहर स्थानान्तरण तथा बाइक चोरी के आरोपी को लाने वाले संबंधित पुलिस के जवानों पर निलंबन, दर्ज होने वाले 302 के मामले की कार्रवाई पर रोक लगाए जाने की मांग की जाएगी।
खरीददारी करने आए लोगों को परेशानियां, जरूरी सेवाओं की दुकानें रही खुली शहर का किराणा, कपड़ा, रेडिमेड, ज्वैलरी, इलेक्ट्रिक बाजारों के बंद रहने की वजह से आसपास के ग्रामीण अंचलों से सावों की खरीद को लेकर शहर पहुंचे लोगों को परेशानियाें का सामना करना पड़ा। लोग बिना खरीददारी किए खाली हाथ वापस लौट गए। जिले की विशिष्ठ श्रेणी कृषि उपज मंडी भी बंद रही। वहीं दूसरी ओर शहर में दूध, मेडिकल तथा खरीफ सीजन के मद्देनजर खाद-बीज की दुकानाें को बंद से बाहर रखा गया। एसडीएम पूरण कुमार ने बताया कि बंद के दौरान कहीं से कोई विरोध या जबरन बंद करवाने जैसी बात सामने नहीं आई। इधर… पहले पुलिस के विरोध में, बाद में समर्थन में तब्दील हुआ बंद
वहीं दूसरी तरफ समीप के जसनगर कस्बे में हुए बंद के दो रूप देखने को मिले। विगत दिनों हुई लाखों की चोरी का खुलासा नहीं होने पर पहले लोगों ने पुलिस के विरोध में बाजार बंद रखा। रियांबड़ी एसडीएम को ज्ञापन देने के बाद वो ही बंद पुलिस के समर्थन में तब्दील हो गया। जसनगर में लोगों ने मेड़ता के इस मामले में पुलिस को समर्थन दिया। इसी तरह पुलिस के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाए जाने के समर्थन में मेड़ता शहर के साथ समीप का मेड़ता रोड कस्बा भी बंद रहा। साथ ही मकराना और डीडवाना में भी लोगों ने ज्ञापन सौंपे।