scriptपींपासर का पैनोरमा उपेक्षा का शिकार | Panorama of Pimpasar a victim of neglect | Patrika News
नागौर

पींपासर का पैनोरमा उपेक्षा का शिकार

उद्घाटन के दो साल बाद ही उखडऩे लगा प्लास्टर, करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित पींपासर व खरनाल के पैनोरमा को नियमित रूप से खोलने के नहीं इंतजाम- देखरेख व सार संभाल के अभाव में धूल चाट रही अमूल्य धरोहर

नागौरAug 05, 2021 / 09:38 pm

shyam choudhary

Panorama of Pimpasar a victim of neglect

Panorama of Pimpasar a victim of neglect

नागौर. प्रदेश के लोक देवताओं, संतों एवं वीरों की याद को चिरस्थाई रखने व आने वाली पीढ़ी को महापुरुषों के बारे में रोचक तरीके से जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नागौर जिले में राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए पैनोरमा उपेक्षा के शिकार हैं। भाजपा सरकार के कार्यकाल में राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण की ओर से पींपासर में बनाए गए गुरु जाम्भोजी पैनोरमा की दीवारें एवं खम्भे उद्घाटन के दो-ढाई बाद ही जर्जर होने लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 27 सितम्बर 2018 को पींपासर पैनोरमा का लोकार्पण किया था। उद्घाटन को अभी पूरे तीन साल ही नहीं हुए हैं, लेकिन दीवारों का प्लास्टर उखडऩे लगा है तो पैनोरमा के दरवाजे पर लगाए गए खम्भों में दरारें आ गई हैं। इसी प्रकार पैनोरमा परिसर में लगाए गए जाम्भोजी के 29 नियमों का शिलालेख के पत्थर भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत के निर्देशन में नागौर जिला मुख्यालय पर वीर अमरसिंह राठौड़ का पैनोरमा, खरनाल में वीर तेजाजी का पैनोरमा तथा पींपासर में गुरु जाम्भोजी का पैनोरमा बनाया गया था। करोड़ों रुपए खर्च करने व लम्बे इंतजार के बाद तीनों पैनोरमा आमजन के लिए खोले गए, लेकिन स्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने के कारण पींपासर व खरनाल का पैनोरमा आज भी दर्शकों के लिए नियमित रूप से नहीं खुल रहे हैं।
देखने के बाद खुश हो जाता है मन
ऐसा नहीं है कि प्राधिकरण ने पैनोरमा निर्माण में कौताही बरती, तीनों ही पैनोरमा में संकलित की गई जानकारी एवं लगाई गई तस्वीरें व प्रतिमाएं सैकड़ों वर्ष पुराने दृश्यों को जीवंत करते हैं तथा उन्हें देखकर हर कोई खुश हो जाता है, लेकिन सरकारी उदासीनता एवं अनदेखी के चलते इन पैनोरमा की सार-संभाल नहीं हो पा रही है, जिससे मन दु:खी हो जाता है।
लोकेशन अच्छी, लेकिन दर्शन की गारंटी नहीं
पींपासर व खरनाल का पैनोरमा की लोकेशन काफी अच्छी है। खरनाल स्थित पैनोरमा जहां वीर तेजाजी की जन्मस्थली खरनाल में राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है, वहीं पींपासर का पैनोरमा नागौर व बीकानेर की सीमा पर स्थित है। मुकाम व समराथल धोरा के दर्शनार्थ देशभर से आने वाले श्रद्धालु जाम्भोजी की जन्मस्थली पींपासर भी आते हैं, ऐसे में यदि उन्हें पैनोरमा खुला मिल जाए तो प्रशासन को न केवल राजस्व अर्जित होगा, बल्कि पैनोरमा की सार-संभाल भी हो सकेगी। इसी प्रकार खरनाल में भी श्रद्धालु एवं पर्यटक पैनोरमा देखने आते हैं, लेकिन चाबी आने में ही आधा घंटा लग जाता है।
जल्द शुरू करवाएंगे
हां, यह सही है कि जिले में बने पैनोरमा नियमित रूप से नहीं खोले जा रहे हैं। वैसे उपखंड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति को इसकी व्यवस्था करनी होती है, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है। 15 अगस्त से पहले सभी पैनोरमा को खोलने व नियमित सार-संभाल के लिए बैठक बुलाने के लिए एसडीएम को निर्देश देंगे। हम प्रयास करेंगे कि जनसहयोग से उनके बैंक खाते भी खुलवाएं, ताकि नियमित रूप से पैनोरमा खुले और देखभाल भी हो।
– डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, जिला कलक्टर, नागौर

Hindi News / Nagaur / पींपासर का पैनोरमा उपेक्षा का शिकार

ट्रेंडिंग वीडियो